भानुप्रतापपुर। नगर के शिवनाथ होंडा शोरूम में सर्विस व दुर्व्यवहार से ग्राहक बेहद परेशान हैं, गाड़ी बेचते समय ग्राहकों से मीठी मीठी बात करते हैं जब ग्राहक गाड़ी का सर्विसिंग करने शोरूम पहुंचते हैं तो ग्राहकों से दुर्व्यवहार किया जाता है कोई चीज के सही से जानकारी नहीं दिया जाता है ग्राहकों से चिड़चिड़ापन में बात किया जाता है। गाड़ियों के दस्तावेज व नम्बर प्लेट के लिए महीनों घुमाया जा रहा है। दुर्गुकोंदल निवासी हेमलता नरेटी पति ललित नरेटी अक्टूबर माह दिवाली में गाड़ी खरीदी हैं। लेकिन तीन महीनों से नंबर प्लेट के लिए घुमाया जा रहा है।
निजी संस्थान के प्रबंधन व्यवस्था को देखने वाले पता नहीं कैसे कह पाते हैं कि हम ग्राहकों को अपनी सेवा से संतुष्ट करते हैं। किसी भी व्यावसायिक संस्थानों का पहला उद्देश्य होता है ग्राहकों की संतुष्टि, वे अपनी सेवाओं से ग्राहक का मन जीतते हैं। ग्राहक का मन जीतने के लिए चाय और पानी पिलाने की जरूरत नहीं होती बल्कि उस संस्थान के कर्मचारियों के व्यवहार और बात करने के तरीके तथा अच्छे कार्य से ग्राहक को संतुष्ट किया जाता है। ललित नरेटी ने बताया कि उसकी पत्नी हेमलता नरेटी के नाम से 30 अक्टूबर 2024 की शाम गाड़ी खरीदने शिवनाथ होंडा भानुप्रतापपुर में गये, वहां हमने एक्टिवा देखा,दो – तीन रंग के गाड़ियों को देखने के बाद एक रंग हमने फायनल किया। फिर गाड़ी का कीमत और उसके सर्विस की बातें हमें बताई गयी, तीन सर्विसिंग फ्री बताया गया। औपचारिकताएं पूरी की जा रही थी हमसे पहचान पत्र मांगा गया साथ ही दो मोबाइल नंबर भी पूछा गया। हमने सब उपलब्ध कराया। उसके पश्चात् मैंने वहां बैठी मैम से पूछा – कि ये दो-दो मोबाइल नंबर क्यों मांग रहे हैं? तब उन्होंने जवाब दिया – सर इसमें ओटीपी आयेगा और आपका गाड़ी नंबर भी इसी मोबाइल में आयेगा और गाड़ी का कागज भी आपके घर के पते पर डाक द्वारा पहुंचेगा।
ओटीपी तो काफी मगजमारी करने के बाद शोरूम में ही आ गया किन्तु गाड़ी का नंबर और कागज तीन माह बीतने के बाद भी नहीं आया है।
जब इस संबंध में मैंने दिसंबर के पहले सप्ताह में शोरूम में संपर्क किया तो किसी देवेंद्र साहू ने फोन उठाया। उनको जब मैंने इस संबंध में पूछा तो वे बोले कि दीवाली के समय बहुत भीड़ भाड़ थी जिसके चलते देरी हुई, नंबर प्लेट कांकेर में है दो-तीन दिन में आ जायेगा, मैंने और कुछ सवाल किया तो अड़ियल जैसे जवाब देने लगे और बोले आपका कम्प्लेन नोट कर रहे हैं। बात वहीं रुकी। 14 दिसम्बर 2024 को उस गाड़ी की सर्विसिंग कराने शिवनाथ होंडा शोरूम गया तब फिर मैंने पूछताछ किया तब भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला बल्कि फिर काउंटर में बैठी मैडम ने कहा – हम कम्पलेन नोट कर लिये हैं, जल्द ही सब कागज और नंबर प्लेट मिल जायेगा। तो मैंने कहा – जब मुझसे दो-दो मोबाइल नंबर मांगकर रखे हो उसमें फोन करके ग्राहक को बताना चाहिए कि क्या समस्या है और कब तक समस्या हल होगी। आखिर हमसे फोन नंबर मांगने का क्या मतलब? जब पैसा बाकी रहेगा तो बार-बार फोन करोगे और समस्या के लिए एक बार भी फोन नहीं किये। ऐसी सेवा देते हैं क्या? उन्होंने कहा चार दिन में हो जायेगा। फिर भी नहीं हुआ। 1 जनवरी को शाम 3.40 बजे फिर मैंने देवेंद्र साहू में कॉल किया जिसमें 4मिनट 26सेकेंड तक बात हुई। मैंने फिर अपना समस्या बताया उधर से कहा गया लाईन में रहिए हम चेक करके बताते हैं, काफी देर बाद बोले नंबर प्लेट कांकेर में है, कल मिल जायेगा। फिर मैंने कहा – आप लोग तो बोले थे कि कागज डाक के माध्यम से घर पहुंच जायेगा और नंबर प्लेट तो एक माह पहले से कांकेर में है बोले हैं कैसे ग्राहकों का सेवा देते हैं? सामने शोरूम का कर्मचारी बड़े बदतमीजी से जवाब देता है अकेले ग्राहक नहीं हो , हजारों ग्राहक हैं किसको-किसको हम बतायेंगे।
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आखिर शोरूम के प्रबंधक/मालिक कैसे कर्मचारियों की नियुक्ति करते होंगे? ऐसे अव्यवहारिक कर्मचारी तो किसी भी संस्थान का भट्टा बिठा देंगे। किसी भी संस्थान के कर्मचारियों का दायित्व होता है ग्राहकों का सहयोग करना उनको संतुष्ट करना न कि अड़ियल रुख अपनाना।