रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य में “सभी के लिए आवास” की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल की 7 नई आवासीय परियोजनाओं का शुभारंभ किया। यह शुभारंभ मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में “अटल विहार योजना” के अंतर्गत हुआ, जिसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में जरूरतमंदों को किफायती और पक्के आवास उपलब्ध कराना है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा, “हमारी सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर यह एक महत्वपूर्ण पहल है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत हर शहरी गरीब को छत मुहैया कराने का सपना साकार हो रहा है। इसी को आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ में ‘अटल विहार योजना’ की शुरुआत की गई है। इसके तहत, शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के आवासहीन लोगों को कम लागत में घर उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।”
7 स्थानों पर 1650 मकानों का निर्माण
मुख्यमंत्री द्वारा शुभारंभ की गई इन परियोजनाओं के तहत राज्य के सात विभिन्न स्थानों—भूरकोनी ( रायपुर), पथर्रा (राजिम), खरतुली (धमतरी), सिहाद (धमतरी), पुलगांव (दुर्ग), गुरूर (बालोद), और कोकड़ापारा (बीजापुर)—में ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, और एमआईजी श्रेणी के मकानों का निर्माण होगा। इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 300 करोड़ रुपये है, जिसमें कुल 1650 मकान बनाए जाएंगे। इनमें 1452 मकान ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के लिए तथा 200 मकान एमआईजी श्रेणी के लिए होंगे।
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हितग्राहियों की सुविधा के लिए भवनों का ऑनलाइन पंजीकरण भी शुरू किया गया है, जो छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल की आधिकारिक वेबसाइट (www.cghb.gov.in) पर उपलब्ध है। इससे लोग घर बैठे आवेदन कर सकते हैं।
अटल विहार योजना’ का लक्ष्य और लाभ
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड 50,000 मकानों का निर्माण करेगा। इन मकानों को आबंटित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने हाउसिंग बोर्ड को 1 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से शासकीय भूमि उपलब्ध कराई है। इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं।
राज्य सरकार ने ईडब्ल्यूएस श्रेणी के भवनों में 80,000 रुपये और एलआईजी श्रेणी के भवनों में 40,000 रुपये का अनुदान देने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, हाल ही में आयोजित कैबिनेट की बैठक में फ्री-होल्ड किए जा रहे भवनों के डायवर्जन शुल्क और पेनाल्टी में 100 प्रतिशत छूट दी गई है। इससे हाउसिंग बोर्ड के लगभग 80,000 हितग्राहियों को राहत मिलेगी।
वित्त मंत्री का योगदान और दृष्टिकोण
वित्त एवं आवास मंत्री ओ.पी. चौधरी ने इस अवसर पर कहा, “अटल विहार योजना के तहत उच्च गुणवत्ता वाले मकानों का निर्माण सुनिश्चित किया जाएगा। राजधानी रायपुर से लेकर दूरस्थ बीजापुर जैसे क्षेत्रों में भी मकानों का निर्माण किया जाएगा। जल्द ही यह योजना सभी जिलों में लागू होगी, जिससे राज्य के हर वर्ग को इसका लाभ मिलेगा।”
मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने हाउसिंग बोर्ड द्वारा बनाए गए भवनों को फ्री-होल्ड करने की प्रक्रिया को सरल बनाया है। इससे राज्य के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हुई है।
शहरी विकास की दिशा में एक नई पहल
यह योजना न केवल राज्य में आवासहीन लोगों के लिए छत उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि शहरी विकास को गति देने में भी सहायक होगी। मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की यह पहल ‘सभी के लिए आवास’ के संकल्प को साकार करने के साथ ही राज्य में सामाजिक और आर्थिक समृद्धि को भी बढ़ावा देगी।
इस ऐतिहासिक अवसर पर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रतिनिधियों और हितग्राहियों ने मुख्यमंत्री और राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया। ‘अटल विहार योजना’ छत्तीसगढ़ में एक नई उम्मीद और उज्जवल भविष्य का प्रतीक बनकर उभर रही है।