प्रदेश में लगातार बारिश के कारण गंगरेल बांध लबालब भर गया, जिसके चलते प्रशासन ने अचानक 8 गेट खोल दिए। छोड़े गए पानी से आसपास के गांवों की करीब 900 एकड़ धान की फसल जलमग्न हो गई। घुमा, पटेवा, ढुलना, कठोली सहित कई गांवों के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

फसल डूबने से नाराज किसानों ने नवापारा–कुरूद मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों का कहना था कि उनकी सालभर की मेहनत पानी में बह गई और अब परिवार का गुजारा चलाना मुश्किल हो गया है। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने नारे लगाए – “आश्वासन नहीं, मुआवजा चाहिए” और “फसल का नुकसान सरकार भरे”।
स्थिति बिगड़ते देख कुरूद और नवापारा तहसीलदार मौके पर पहुंचे। पुलिस ने हालात संभाले और किसानों को समझाइश दी, लेकिन उन्होंने कहा कि अब केवल भरोसे से काम नहीं चलेगा — उन्हें समयबद्ध मुआवजा चाहिए।
कई घंटों की बातचीत के बाद रायपुर और धमतरी जिलों के अधिकारियों ने किसानों से चर्चा की और नुकसान का सर्वे कर शीघ्र राहत देने का आश्वासन दिया, जिसके बाद किसानों ने आंदोलन समाप्त किया।