रायपुर। करीब पाँच महीनों तक फरार रहने के बाद ग्वालियर से गिरफ्तार किए गए हिस्ट्रीशीटर वीरेन्द्र सिंह तोमर से पुलिस की पाँच दिन की रिमांड अवधि में पूछताछ पूरी हो चुकी है। शुक्रवार को आरोपी को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहाँ पुलिस उसे न्यायिक अभिरक्षा (जेल) में भेजने का आग्रह करने वाली है।

आरोपी के खिलाफ दर्ज आर्म्स एक्ट, सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग और वसूली से जुड़े दोनों मामलों में पुलिस ने विस्तृत पूछताछ की। घर के लॉकर से मिले हथियार के बारे में तोमर ने दावा किया कि वह उसके सुरक्षा गार्ड का है। रिमांड के दौरान उसने यह भी बताया कि फरारी के दौरान क्षत्रिय करणी सेना से जुड़े कुछ लोगों ने उसकी मदद की थी।
इधर, पुलिस उसके सहयोगी और हिस्ट्रीशीटर रोहित तोमर समेत अन्य फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी तेज कर चुकी है।
पीड़ित अभी भी डरे हुए — पुलिस ने आमना–सामना नहीं कराया
पूछताछ के दौरान पुलिस ने शिकायतकर्ताओं (पीड़ितों) का आरोपी से आमना–सामना नहीं कराया। इसके बजाय, जब्त किए गए एग्रीमेंट, चेक और संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों के आधार पर ही सवाल-जवाब किए गए।
पुलिस आरोपी द्वारा दिए गए कथित कर्ज की राशि, वसूले गए ब्याज और वापसी की रकम से संबंधित विवरण को एकत्र कर रही है, ताकि इन्हें कोर्ट में प्रस्तुत किया जा सके।
पुलिस का कहना है कि पीड़ित अभी भी आरोपी भाइयों — वीरेन्द्र सिंह तोमर और रोहित सिंह तोमर — से भयभीत हैं। रोहित अब भी फरार है और उसके खिलाफ चार आपराधिक मामले दर्ज हैं।
करणी सेना की चेतावनी — पुलिस पर कार्रवाई को बताया गलत
सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो में क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने वीरेन्द्र सिंह तोमर के खिलाफ हुई कार्रवाई को गलत ठहराया है और आरोप लगाया है कि पुलिस ने “जुलूस” निकालकर गलत व्यवहार किया।
उन्होंने चेतावनी दी है कि वे जल्द ही छत्तीसगढ़ पहुँचकर रायपुर में आंदोलन करेंगे, और जो पुलिस अधिकारी “गलत तरीके से कार्रवाई” में शामिल थे, उनके घरों तक जाकर विरोध दर्ज कराया जाएगा।