रायपुर: विधानसभा में आज बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर सदन गर्म रहा. भाजपा विधायकों ने इस मामले को लेकर अपनी ही सरकार को घेरा और सरकार पर नरम रुख अपनाने के आरोप लगाए. अजय चंद्राकर, धरमजीत सिंह और भावना बोहरा ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत इस मामले को उठाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की.
5,000 घुसपैठिए छत्तीसगढ़ में, आधार-राशन से ले रहे योजनाओं का लाभ”
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि “करीब 5,000 बांग्लादेशी घुसपैठिए राज्य में बसे हुए हैं, जो आधार, राशन कार्ड और पासपोर्ट बनाकर सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। सरकारी तंत्र में इनकी मदद करने वाले लोग भी शामिल हैं।” उन्होंने डिटेंशन सेंटर बनाने की मांग की।
भाजपा विधायक धरमजीत सिंह ने रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान करने की बात कही, जबकि भावना बोहरा ने दस्तावेजों की जांच कराने पर जोर दिया।

गृह मंत्री का जवाब: “बोर्डिंग सेंटर बनाएंगे, बीएसएफ को सौंपेंगे”
गृह मंत्री विजय शर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि “शिकायतों के आधार पर जांच की जा रही है। डिटेंशन सेंटर की जगह बोर्डिंग सेंटर बनाया जाएगा, जहां चिन्हित घुसपैठियों को रखकर बीएसएफ को सौंपा जाएगा।” उन्होंने बताया कि रायपुर में 100 सीटर बोर्डिंग सेंटर बनाया जाएगा।
गृह मंत्री ने कहा, “पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी, हालांकि अल्पसंख्यकों को नागरिकता का प्रावधान बना रहेगा।”
भाजपा विधायक धरमजीत सिंह के सवाल पर गृह मंत्री ने कहा, “अब तक सभी घुसपैठिए बांग्लादेशी निकले हैं, रोहिंग्या नहीं. रायपुर में एक कांग्रेसी पार्षद द्वारा बांग्लादेशियों के दस्तावेज बनाए गए थे, जिसके खिलाफ कार्रवाई की गई है।”
भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने आरोप लगाया कि “बांग्लाभाषी लोग आदिवासी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं।” विधायक राजेश मूणत ने रायपुर के बीएसयूपी मकानों में बाहरी लोगों के बसने का मुद्दा उठाया, जिस पर गृह मंत्री ने अभियान चलाने का आश्वासन दिया।
कांग्रेस ने भी की कार्रवाई की मांग
कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने भी पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन किया। सदन में इस मुद्दे पर तीखी बहस हुई, जिसमें सरकार ने सख्त कार्रवाई का दावा किया, जबकि विपक्ष ने इसे वोट बैंक की राजनीति बताया।