CG Assembly LIVE: जल जीवन मिशन पर सदन गर्म.. जमकर चले बयानों के तीर

आज जल जीवन मिशन के कामकाज को लेकर सवाल-जवाब हुआ, जिसके दौरान सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। इस दौरान मंत्री अरुण साव से विपक्ष ने सवालों की झड़ी लगा दी।

“80% भुगतान के बावजूद गांवों में नहीं आ रहा पानी”

विधायक धरमलाल कौशिक ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि कई गांवों में पानी की आपूर्ति अब भी नहीं हो रही है, जबकि वहां 80% भुगतान हो चुका है। नियम यह था कि 70% से ज्यादा भुगतान नहीं किया जाएगा, लेकिन नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।”

इस पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई, जिसमें विपक्ष ने सरकार पर भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप लगाए। विपक्ष का आरोप था कि बिना काम पूरा किए ही भुगतान कर दिया गया है, जिससे ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रहा।

मंत्री अरुण साव ने दिया जवाब

इस पर मंत्री अरुण साव ने सफाई देते हुए कहा कि सरकार जल जीवन मिशन को गंभीरता से ले रही है और सभी शिकायतों की जांच की जाएगी। जहां भी अनियमितताएं हुई हैं, उन्हें ठीक किया जाएगा।”

भाजपा विधायक किरण सिंहदेव ने प्रश्नकाल में बस्तर संभाग में उद्योगों से मिले सीएसआर मद की राशि का मामला उठाया. उन्होने कहा- 21 करोड़ की राशि की जानकारी आई है सीएसआर मद से. इसमें 7 करोड़ 44 करोड़ की राशि किस मद में खर्च हुई? किन-किन कामों में खर्च हुई है?

उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा- विस्तृत उत्तर दिया गया है कि किन-किन मदों में खर्च हुआ है

किरण सिंहदेव ने कहा- पिछले दो सालों में कोई राशि नहीं दी गई है इस मद से कलेक्टर की ओर से बस्तर जिले में. मेरी ओर से अनुमोदित विकास कार्यों पर भी सहमति नहीं दी गई है. प्रावधानित राशि में भी कटौती की गई है

उद्योग मंत्री- सदस्य का एक प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है, 17 काम स्वीकृत होना बाकी है, आगे और काम स्वीकृत करेंगे

नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा- सीएसआर मद का कितना प्रतिशत देना जरूरी है

उद्योग मंत्री- तीन साल के अनुपात में 2 प्रतिशत की राशि आय का सीएसआर मद में खर्च किया जाता है

डॉ चरणदास महंत- अभी कितना दिया जा रहा है सीएसआर मद में और भूपेश बघेल सरकार में कितना दिया जाता था इसकी जांच करवा लें.

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