केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 18 सितंबर को दो मामलों में आरोपपत्र दाखिल किया, जो अनिल अंबानी की कंपनियों रिलायंस कैपिटल फाइनेंशियल लिमिटेड (आरसीएफएल) और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) तथा यस बैंक और राणा कपूर की पत्नी बिंदु कपूर व बेटियों राधा कपूर व रोशनी कपूर की कंपनियों के बीच कथित फर्जी लेन-देन से जुड़े हैं। अनिल अंबानी एडीए ग्रुप के चेयरमैन और रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के निदेशक थे, जो इन कंपनियों की होल्डिंग कंपनी है। राणा कपूर उस समय यस बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ थे।
2022 में दर्ज हुए थे मामले
2022 में यस बैंक के मुख्य सतर्कता अधिकारी की शिकायत पर राणा कपूर, आरसीएफएल, आरएचएफएल और अन्य के खिलाफ दो आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। जांच में पता चला कि 2017 में यस बैंक ने आरसीएफएल में 2045 करोड़ रुपये और आरएचएफएल में 2965 करोड़ रुपये गैर-परिवर्तनीय शेयर और वाणिज्यिक ऋण के रूप में निवेश किए।
सार्वजनिक धन की हेराफेरी
सीबीआई के अनुसार, यह निवेश राणा कपूर की मंजूरी से हुआ, जबकि केयर रेटिंग्स ने एडीए ग्रुप की खराब वित्तीय स्थिति के कारण उसकी निगरानी शुरू की थी। कंपनी की आर्थिक हालत और बाजार में साख गिर रही थी। इन निवेशों को बाद में कई स्तरों पर घुमा-फिराकर इस्तेमाल किया गया, जिससे सार्वजनिक धन की सुनियोजित हेराफेरी का खुलासा हुआ।