Buddhist society चारामा ! बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बौद्ध समाज के द्वारा भगवान बुद्ध का जन्म उत्सव मनाया गया।बौद्ध समाज के द्वारा पहली बार जॉन स्तर पर जन्म उत्सव मनाने का कार्यक्रम सुन्निचित किया गया था,इसी तारतम्य में ग्राम जैसाकर्रा में ग्राम कर्रा , दरगाहन और चारामा के समाज के लोगों के द्वारा उत्सव मनाया गया।
कार्यक्रम के पूर्व समाज के सभी लोगों ने नगर के प्रतीक्षा बस स्टैंड पर स्तिथ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी की आदम प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पूजा की,जिसके बाद समाज के लोग ग्राम जैसाकर्रा में एकत्रित होकर उत्सव मनाए, जहां भगवान गौतम बुद्ध और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी की छाया चित्र की पूजा अर्चना और उपासना की गई।
जिसके बाद समाज के वरिष्ठ रामकमल सुखदेवे,राजकुमार रामटेके,दीनबंधु वाल्मीकि,हेमराज कुटारे,श्यामलाल पचबिए एवं अन्य वक्ताओं ने बुद्ध पूर्णिमा पर अपने विचार रखते हुए बताया की
भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख मास की पूर्णिमा को हुआ, इसी महीने की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महात्मा बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना गया है। इस दिन लोग व्रत-उपवास करते हैं। बौद्ध धर्म के लोग इस दिन को उत्सव के रूप में मनाते हैं।
उनके धार्मिक स्थलों पर सभी लोग एकत्र होगर सामूहिक उपासना करते हैं और दान देते हैं। बौद्ध और हिंदू धर्म के लोग बुद्ध पूर्णिमा को बहुत श्रद्धा के साथ मनाते हैं। बुद्ध पूर्णिमा का पर्व बुद्ध के आदर्शों और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। यह पर्व सभी को शांति का संदेश देता है। बौद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन बोधगया जाकर पूजापाठ करते हैं। लोग बोधिवृक्ष की पूजा करते हैं।
बोधिवृक्ष पीपल का पेड़ होता है और इस दिन इसकी पूजा करने का विशेष धार्मिक महत्व माना गया है। वैशास मास की पूर्णिमा का संबंध केवल गौतम बुद्ध के जन्म से ही नहीं है बल्कि इसी दिन उन्हें बोध गया में बोधिवृद्ध के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। उस दिन भी वैशाख मास की पूर्णिमा ही थी। उन्हें इस दिन बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी।आज भारत ही नहीं भारत के बाहर कई देशों में बुध पूर्णिमा का उत्सव मनाया जाता हैं।संबोधन के बाद प्रसाद वितरण किया गया।
वही समाज के लोगों ने आने वाले दिनों में समाज के लिए समाज भवन की मांग शासन से की जाने पर चर्चा की। समाज पदाधिकारियों का कहना था कि उक्त कार्यक्रम समाज भवन में किया जाना था ,लेकिन समाज के पास सिर्फ चारामा नगर में एक भवन है, वह भी अत्यंत जर्जर है, उसके अलावा कहीं पर भी समाज भवन नहीं होने के चलते खुले मंच में कार्यक्रम आयोजित किया गया था, इसलिए आने वाले दिनों में विकासखंड स्तर पर भी शासन से समाज भवन के लिए भवन की मांग की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
आने वाले वर्षों से बुद्ध पूर्णिमा सहित समाज के अन्य कार्यक्रम वृहद रूप में मनाए जाने पर भी विचार किया गया।इस आयोजन में सुखदेव मेश्राम गोविंद लांगे, केशव खोबरागड़े, नंदलाल सहारे, सुरेश नायक वेनू सुखदेवे ,दाऊ लाल ऊके ,रामचरण रंगारे, विकास सुखदेवे ,सुनीता वाल्मीकि, प्रेमलता सुखदेवे ,सीमा सुखदेवे ,चंद्रप्रभा रंगारे, चंद्रिका खरे, यशपाल घोड़मोड़े , कविता वानखेडे, संगीता सहारे ,रमशिला ऊके, जसवंता खोबरागड़े, कुसुमा सोनवानी ,विमला बाई सहित बड़ी संख्या में समाज के सभी जन उपस्थित रहे।