दुर्ग, छत्तीसगढ़। चोरी के मामले आमतौर पर लालच या आपराधिक प्रवृत्ति के कारण सामने आते हैं, लेकिन दुर्ग जिले का यह मामला बिल्कुल अलग है। यहां एक युवक ने बीमारी और मानसिक तनाव के चलते भगवान पर से विश्वास खो दिया और गुस्से में मंदिरों की दान पेटियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।

आरोपी की पहचान और वजह
पुलिस के अनुसार आरोपी का नाम यशवंत उपाध्याय है, जो कई वर्षों से गंभीर बीमारी से जूझ रहा था। इलाज में असफल रहने और मानसिक तनाव के कारण उसने भगवान पर नाराजगी जताई और करीब 10 मंदिरों में चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया।
वारदात का अनोखा तरीका
चोरी से पहले आरोपी मंदिर की रेकी करता। वारदात के दिन वह अपनी जूपीटर स्कूटी मंदिर से कुछ दूरी पर खड़ी करता और कपड़े बदलकर पैदल मंदिर तक जाता। ताला तोड़ने के बाद चोरी कर वह वापस स्कूटी तक लौटता, फिर से कपड़े बदलता और निकल जाता। कपड़े बदलने और गली-मोहल्लों से भागने की वजह से उसकी पहचान सीसीटीवी फुटेज में आसानी से नहीं हो पा रही थी।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
पुलिस ने बताया कि जागरूक नागरिकों द्वारा लगाए गए उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरों की मदद से आरोपी की पहचान की गई। जांच में सामने आया कि उसने नेवई (2 मामले), सुपेला (3 मामले), पद्मनाभपुर (1 मामला), भिलाई भट्ठी (2 मामले) और भिलाई नगर (1 मामला) के थानों में चोरी की घटनाएं की हैं।
पहले भी गया था जेल
पुलिस ने बताया कि आरोपी वर्ष 2011-12 में मारपीट के एक प्रकरण में जेल गया था, जहां उसकी मुलाकात पेशेवर अपराधियों से हुई। वहीं से उसने चोरी का तरीका सीखा।
फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।