Birth Pods में पैदा होंगे बच्चे, महिलाओं को मिलेगी गर्भधारण से छुट्टी….जानिए क्या है ये पूरा प्रोसेस
Birth Pods : महिलाओं को मिलेगी गर्भावस्था से छुट्टी, जन्मकुंडली में होंगे बच्चे, मनचाहे बदलाव कर सकेंगे…भविष्य में इंसान के बच्चे मशीन बनाएंगे। न ही महिला को गर्भधारण करना पड़ेगा।
Birth Pods : न ही प्रसव पीड़ा का सामना करना पड़ेगा। साइंस कम्युनिकेटर हाशम अल घाली ने एक वीडियो जारी किया है। जिसमें दुनिया के पहले कृत्रिम भ्रूण केंद्र को दिखाया गया है।
आप इसमें बच्चे को विकसित होते हुए देख सकते हैं। उसमें अच्छी आदतें डाली जा सकती हैं।
यह मानव का भविष्य है। पुरुष नहीं रहेंगे। नकली कोख से बच्चे पैदा होंगे। मशीन गर्भ से। कैसे? आप यहां मौजूद वीडियो और फोटो में देख सकते हैं। केवल बच्चे पैदा नहीं होंगे।
बल्कि आप उनमें मनचाही आदतें डाल सकते हैं। आप जिस तरह का बच्चा चाहते हैं उसे बदल सकते हैं। सिर्फ अपनी जींस बदलकर। इसमें महिलाओं को गर्भवती होने की जरूरत नहीं होगी। ना ही डिलीवरी के वक्त होने वाले दर्द को बर्दाश्त करना पड़ेगा।
आप अपने बच्चे को बढ़ते हुए देख पाएंगे। दरअसल, यह दुनिया का पहला कृत्रिम भ्रूण केंद्र है जिसमें बर्थ पॉड्स में बच्चों का विकास किया जाएगा। यह दावा साइंस कम्युनिकेटर और वीडियो प्रोड्यूसर हाशम अल घाली ने किया है।
https://jandhara24.com/news/131956/cooperative-amendment-bill-2022/
हाशेम का कहना है कि भविष्य में बच्चे पुश बटन तकनीक से पैदा होंगे। गर्भ तो होगा लेकिन स्त्री के शरीर में नहीं। बल्कि जन्म फली में। एक भ्रूण जिसे आप देख सकते हैं। उसमें बच्चे के विकास को देख सकेंगे। हफ्ते दर हफ्ते, महीने दर महीने।
इस फैसिलिटी का नाम एक्टोलाइफ है। यहां एक कंप्यूटर मैट्रिक्स बनाया जाएगा। जिसमें मानव व्यवहार का पूरा विवरण होगा। आप कैसी संतान चाहते हैं,
ऐसे बच्चे पैदा हो सकते हैं। यानी अगर आप फुटबॉलर बच्चे को लाना चाहती हैं तो जेनेटिक्स में इस तरह के बदलाव करके आप बच्चे को जन्म दे सकती हैं।
इन जन्मकुंडली को आप अपने घर में भी स्थापित कर सकते हैं। ताकि आप अपनी आंखों के सामने बच्चे का विकास होते हुए देख सकें। वैसे, एम्ब्रियो सेंटर में 400 बेबी पॉड्स होंगे।
ये सभी नवीकरणीय ऊर्जा पर चलेंगे। आप ऐप के जरिए अपने बच्चे की जरूरी विटल्स पर नजर रख सकेंगे। सुधार कर पाएंगे
हाशम अल घाली के इन दावों, वीडियो और तस्वीरों के बाद इस कॉन्सेप्ट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। एक्टोलाइफ को पहले कृत्रिम भ्रूण केंद्र के रूप में देखा जा रहा है।
लेकिन यह गर्भधारण की नैतिक अवधारणा को नुकसान पहुंचा रहा है। इस तरह जन्मकुंडली में बच्चे पैदा करना मानवता के खिलाफ है।
पारदर्शी पोडियों में रखे बच्चों को देखकर लगता है कि यहां बच्चों की खेती की जा रही है. वहीं, हाशम कह रहे हैं कि यह एक कॉन्सेप्ट है।
इसको लेकर किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। हालाँकि, जिस तरह से कृत्रिम भ्रूण विकसित करने की तकनीक विकसित हो रही है। इस काम में ज्यादा दिन नहीं लगेंगे।
इन बर्थ पॉड्स में एक कृत्रिम गर्भनाल होगी। जो बच्चे को ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाएगा। पॉड्स में कृत्रिम एमनियोटिक द्रव भरा जाएगा।
जिसमें जरूरत के हिसाब से हार्मोन डाले जाते होंगे। जेनेटिक मॉडिफिकेशन किया गया होगा। इन पॉड्स को बायो रिएक्टर से चलाया जाएगा।
इन पॉड्स में हर दिन, हर हफ्ते और ग्रोथ के हिसाब से पोषक तत्व डाले जाएंगे। इस तरह के अनुवांशिक परिवर्तन किए जा सकते हैं कि आपको मनचाही संतान की प्राप्ति हो।
आप उसे जैसा बनाना चाहेंगे, वैसा ही बच्चा पैदा होगा। बच्चों में इस तरह के बदलाव किए जाएंगे ताकि उनके माता-पिता उनके साथ अपनापन महसूस कर सकें।
हाशम का कहना है कि एक्टोलाइफ एक साइंस फिक्शन है। इसके लिए किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। ऐसी तकनीक विकसित करने में इंसानों को कई साल लग जाएंगे।
लेकिन ज़्यादा नहीं। यह कोई आसान प्रक्रिया नहीं है। मैंने इसे सिर्फ इसलिए बनाया ताकि लोग ऐसी तकनीकों पर चर्चा कर सकें।
हाशम का कहना है कि प्रेग्नेंट होना कोई मजाक नहीं है। यह दर्द से भरा है। चिंता लाता है। महिलाओं की हालत खराब करता है। थका देने वाला है।
कई देशों में गर्भवती होना खतरे से खाली नहीं है। क्योंकि वहां सुविधाएं नहीं हैं। हम सिर्फ एक आइडिया देना चाहते हैं कि बच्चे ऐसे पैदा होंगे।
अगर कोई महिला गर्भवती है। वह धूम्रपान करती है। पीता है। तनाव लेता है। या उसे कोई बीमारी है। तो उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी दिक्कत होगी।
इन जन्म फलियों में हम स्वस्थ बच्चों को जन्म दे सकते हैं। वहीं महिला अपने लाइफस्टाइल को फॉलो कर मां भी बन सकेगी। इसमें किसी को किसी तरह के विवाद में नहीं पड़ना चाहिए।
हाशेम का कहना है कि एनिमल किंगडम में मानव बच्चे दुनिया के सबसे असहाय और अल्पविकसित प्राणी हैं।
क्यों न हम अपने बच्चों को ऐसी शक्तियां दें जो उन्हें अल्पविकसित से अधिक विकसित बनाएं। उनकी जैविक सीमा बढ़ाई जा सकती है। उन्हें रोग मुक्त बनाया जा सकता है।
यदि 400 पॉड्स वाले 75 केन्द्रों की स्थापना कर दी जाए तो प्रतिवर्ष 30 हजार सक्षम, स्वस्थ एवं मनचाहे बच्चे पैदा हो सकते हैं।
इन पॉड को आप अपने घर में लगवा सकते हैं। ताकि आप जब चाहें अपने बड़े बच्चे के लिए छोटे भाई या बहन को जन्म दे सकें।