बिलासपुर, 15 नवंबर। न्यायधानी बिलासपुर के निवासी मच्छरों की बढ़ती संख्या से गंभीर रूप से प्रभावित हैं। घरों, कार्यालयों तथा अस्पतालों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है जबकि नगर निगम की फॉगिंग मशीनें रखरखाव के अभाव में अनुपयोगी हो रही हैं। लार्वा नियंत्रण कार्य महीनों से ठप है जिससे नागरिक मच्छर निरोधक उत्पादों पर अपनी जेब से हजारों रुपये व्यय कर रहे हैं।
शहर के 70 वार्डों में मच्छरों की समस्या एकसमान है। फॉगिंग केवल चुनिंदा वीआईपी क्षेत्रों तक सीमित है। अनुमानित रूप से निवासी प्रतिवर्ष डेढ़ से दो करोड़ रुपये मच्छर भगाने वाले उत्पादों पर खर्च कर रहे हैं। दैनिक व्यय प्रति व्यक्ति 6 से 8 रुपये तक पहुंच रहा है।
नगर निगम का एंटी लार्वा एवं फॉगिंग बजट भी लगभग दो करोड़ रुपये वार्षिक है किंतु प्रभावी कार्यान्वयन नहीं हो रहा। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 2024 में 245 तथा 2025 के जनवरी से सितंबर तक 329 मच्छर जनित रोग के मामले दर्ज हुए जिनमें 21 डेंगू, 145 प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम, 100 प्लाज्मोडियम विवैक्स तथा 63 अन्य संक्रमण शामिल हैं। महंगी मशीनें कबाड़ बन चुकी हैं तथा टेंडर तीन बार निरस्त हुए। निगम की रिपोर्ट में स्थिति नियंत्रित बताई जा रही है।