बिलासपुर, 17 अक्टूबर 2025: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हुए पटाखा फैक्ट्री संचालित की जा रही है। यह फैक्ट्री शहर से सटे सरकंडा क्षेत्र के ग्राम बैमा में स्थित है। स्थानीय सूत्रों और रिपोर्टर की जांच के मुताबिक, फैक्ट्री में सिर्फ तीन छोटे कमरे हैं, जिनमें मजदूर खुले बारूद के ढेर पर बैठकर पटाखों का निर्माण कर रहे हैं। न तो आग बुझाने के उपकरण हैं और न ही सुरक्षा के अन्य उपाय।
सरकारी नियमों के अनुसार, पटाखा फैक्ट्री और गोदामों के निर्माण में आग प्रतिरोधी सामग्री का उपयोग अनिवार्य है। इसके अलावा आग बुझाने के उपकरण, धूम्रपान पर पाबंदी और सुरक्षा निर्देशों का पालन जरूरी है। बावजूद इसके, फैक्ट्री मालिक इमरान खान उर्फ पप्पी ने नियमों की अनदेखी की। चौकीदार कृष्ण कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि फैक्ट्री के आसपास बारूद से भरी बोरियां खुले में रखी हैं और मजदूर बिना सुरक्षा के काम कर रहे हैं।

यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले साल 24 सितंबर को शहर के पटाखा गोदाम में भीषण आग लगी थी, जिसमें अफरा-तफरी मच गई थी। आग को काबू करने में आठ फायर ब्रिगेड की मदद ली गई थी। उस समय जिला प्रशासन ने जांच कमेटी बनाई थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट के बाद भी सुरक्षा परीक्षण नहीं कराया गया।
फैक्ट्री में छोटे-छोटे तीन कमरे हैं, जहां 8×8 फीट के कमरों में बम और बड़े पटाखे बनाए जा रहे हैं। मजदूर बिना शर्ट पहने बारूद के ढेर पर बैठकर “टॉप टाइगर” जैसे बम बना रहे हैं। पूरे प्लॉट का आकार 5.41 एकड़ है और इसके किनारे नदी भी है।

जिला प्रशासन के रिकॉर्ड के अनुसार, बिलासपुर में केवल दो व्यक्तियों के नाम पर पटाखा बनाने का लाइसेंस दर्ज है। इसके अलावा शहर में स्थायी 16 और अस्थायी 144 पटाखा कारोबारियों के गोदाम और दुकानें हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश में सुरक्षा उपाय नहीं दिखे।
एसडीएम मनीष साहू ने कहा कि पटाखा फैक्ट्री और गोदामों में सुरक्षा का पालन करना अनिवार्य है। संबंधित विभाग समय-समय पर निरीक्षण करते हैं, लेकिन फैक्ट्री और गोदामों में सुरक्षा नियमों की अवहेलना गंभीर चिंता का विषय है।
यह घटना सुरक्षा और कानून व्यवस्था में गंभीर चूक को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि बिना सुरक्षा उपायों के ऐसे कारखाने और गोदाम कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह इन फैक्ट्रियों और गोदामों की कड़ी निगरानी करे और आग या विस्फोट जैसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए।