नई दिल्ली/रायपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देशभर में साइबर अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ बड़े अभियान के तहत महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। रायपुर जोनल कार्यालय ने अवैध बेटिंग प्लेटफॉर्म्स से जुड़े 8,000 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग मामले का पता लगाया और बैंक/डीमैट खातों में रखे 2,311 करोड़ रुपए को फ्रीज कर दिया।

इस अभियान के तहत ED ने 28 से अधिक शहरों में कार्रवाई की है। पिछले महीने श्रीनगर में हुई दो दिवसीय समन्वय बैठक में साइबर अपराध और समाज के कमजोर वर्गों पर इसके प्रभाव की समीक्षा की गई। बैठक में खुलासा हुआ कि कई ठग और पोंजी योजनाओं के मास्टरमाइंड विदेशों से काम कर रहे हैं और हवाला या क्रिप्टो चैनलों के जरिए धन भेजते हैं। ऑनलाइन पेमेंट गेटवे की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, ED ने अब तक 28,000 करोड़ रुपए से अधिक की अपराध की आय (PoC) की पहचान की है और 8,500 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियां अटैच की हैं। 106 आरोपी और संदिग्ध अब तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
रायपुर जोनल कार्यालय मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद के कार्यालयों से आगे है। मुंबई कार्यालय 6,000 करोड़ रुपए के मामलों की जांच कर रहा है, दिल्ली की दो HIUs 5,300 करोड़ रुपए के मामलों में लगी हैं, और हैदराबाद कार्यालय 2,600 करोड़ रुपए के मामलों की जांच कर रहा है।
महादेव ऑनलाइन बेटिंग एप मामला:
ईडी ने इस मामले में 160 से अधिक छापों में 19 करोड़ रुपए नकद, 17 करोड़ रुपए के कीमती सामान और बैंक/डीमैट खातों में रखे 2,311 करोड़ रुपए फ्रीज किए। इस मामले में अब तक 13 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं और मास्टरमाइंड्स को UAE से प्रत्यर्पित कराने की प्रक्रिया जारी है।