Big Problem: सुशासन तिहार में आवेदन करने के बाद भी टेकराम को नहीं मिला दिव्यांगता का लाभ

टेकराम को नहीं मिली ट्राई सायकल

:विवेक मिश्रा:

छुरिया : छत्तीसगढ़ में हर तरफ सुशासन त्यौहार की गूंज सुनाई दे रहा है, और कहा जा रहा है कि इस त्यौहार में प्रत्येक व्यक्तियों के समस्याओं का समाधान शिविर में हो रहा है. लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हो रहा है, ये बात हम ऐसे ही नहीं कह रहे हैं, बल्कि हकीकत में जरूरत मंद लोगों को सुविधाएं नहीं मिल रहा है.

  ऐसे ही हितग्राही टेकराम सलामे जब रास्ते में अपने साइकिल से गुजर रहे थे तो हमारे संवाददाता ने ट्राई सायकल के विषय में बात किया तो उन्होंने बताया कि महाराजपुर में जब सुशासन शिविर लगा था उसमें ट्राई सायकल के लिए आवेदन दिया था लेकिन वहां उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया. उनका कसूर सिर्फ इतना था कि वो गरीब है. क्योंकि सुशासन त्यौहार गरीबों का नहीं है बल्कि उन नेताओं और बड़े लोगों के लिए है जिनके लिए बड़े बड़े मंच सजते हैं.

मात्र 500 सौ रुपए महीने के पेंशन से अपना गुजारा करते है टेकराम सलामे

एक तरफ पूरी दुनियां में भारत चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था की ताल ठोक रहा है लेकिन टेकराम सलामे जैसे लाखों गरीब और असहाय लोग मात्र 500 रुपए महीने के पेंशन से आज भी गुजारा करते हैं. वो चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था क्या काम का जो गरीब और दिव्यांग टेकराम जैसे लाखों लोग आज भी अपने हक के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे हैं.