भारत में सेमीकंडक्टर सेक्टर को बढ़ावा: Intel और Tata Group के बीच बड़ी साझेदारी

नई दिल्ली। भारत के सेमीकंडक्टर निर्माण क्षेत्र में एक अहम कदम उठाते हुए अमेरिकी चिप निर्माता Intel ने Tata Group के साथ बड़ा समझौता किया है। यह साझेदारी देश में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग और असेम्बली को गति देगी और घरेलू चिप इकोसिस्टम को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

इस सहयोग के तहत दोनों कंपनियां AI आधारित कम्प्यूटिंग और एडवांस्ड पर्सनल कंप्यूटिंग के लिए समाधान विकसित करेंगी। अनुमान है कि वर्ष 2030 तक भारत दुनिया के शीर्ष पांच पीसी बाजारों में शामिल होगा, ऐसे में यह समझौता न केवल व्यापारिक दृष्टि से बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Tata Group के अनुसार Intel के उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग और पैकेजिंग की संभावनाओं का परीक्षण दो प्रमुख स्थानों पर किया जाएगा—गुजरात के धोलेरा में निर्माणाधीन Tata Electronics का सेमीकंडक्टर फैब और असम में स्थापित OSAT प्लांट। इन दोनों इकाइयों में उन्नत पैकेजिंग तकनीक और भविष्य की कम्प्यूटिंग आवश्यकताओं पर संयुक्त कार्य होगा।

Tata Group इन परियोजनाओं पर कुल 1.18 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है, जो देश के सबसे बड़े सेमीकंडक्टर उपक्रमों में से एक है। इसे भारत की दीर्घकालिक तकनीकी रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है।

Intel के सीईओ लिप-बू टैन ने कहा कि भारत विश्व के सबसे तेज़ी से बढ़ते कम्प्यूटिंग बाजारों में शामिल है। पीसी सेक्टर की तेजी से बढ़ती मांग और एआई के व्यापक उपयोग से कंपनी को भारत में बड़े अवसर दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि Tata Group के साथ साझेदारी भारत में विस्तार को और गति देगी।

Tata Sons के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि यह साझेदारी भारत के तकनीकी इकोसिस्टम को मजबूती देगी। उनका कहना है कि Intel की एआई आधारित कंप्यूट तकनीक और Tata की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्षमता मिलकर भारत को उन्नत सेमीकंडक्टर और सिस्टम सॉल्यूशंस का प्रमुख केंद्र बना सकती है।

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