बड़ी खबर: छत्तीसगढ़: पुलिस महानिदेशक रतनलाल डांगी पुलिस अकादमी के निदेशक पद से मुक्त, IPS अजय यादव को मिली जिम्मेदारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक रतनलाल डांगी को पद से हटा दिया गया है। वे चंदखुरी स्थित पुलिस अकादमी के निदेशक के पद से भी मुक्त कर दिए गए हैं। इसकी जगह अजय यादव को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।

यह कार्रवाई एक महिला द्वारा डांगी पर प्रताड़ना के आरोप लगाने के बाद की गई है। राज्य सरकार ने शिकायत की जांच के बाद तत्काल प्रभाव से यह निर्णय लिया। डांगी ने पदभार ग्रहण करने के बाद कोई टिप्पणी नहीं की।

अधिकारियों के अनुसार, मामले की गहन जांच जारी है और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। यह घटना राज्य पुलिस विभाग में सनसनी फैला रही है।

जानिए क्या है पूरा मामला

छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रतनलाल डांगी (2003 बैच) पर एक सब-इंस्पेक्टर की पत्नी ने गंभीर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। पीड़िता ने 15 अक्टूबर 2025 को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी को लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसमें शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण का उल्लेख है।

2017 में पीड़िता की मुलाकात डांगी से तब हुई जब वे कोरबा के एसपी थे। सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क शुरू हुआ। दंतेवाड़ा पोस्टिंग के दौरान पीड़िता (योग शिक्षिका) ने डांगी को वीडियो कॉल पर योग सिखाया। सरगुजा रेंज आईजी बनने के बाद डांगी का व्यवहार बदला।पीड़िता ने बताया कि अपनी पत्नी की अनुपस्थिति में सरकारी बंगले पर बुलाता था। सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक बार-बार वीडियो कॉल्स का दबाव बनाया। मना करने पर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पति के तबादले की धमकी देते थे। चंदखुरी पुलिस अकादमी पोस्टिंग के बाद भी उत्पीड़न जारी रहा। पीड़िता ने पिछले सात वर्षों से लगातार प्रताड़ना का दावा किया। इस दौरान पीड़िता ने डिजिटल साक्ष्य होने भी जानकारी दी।

डांगी का पक्ष

डांगी ने आरोपों को झूठा बताते हुए डीजीपी को 14-सूत्री पत्र भेजा, जिसमें महिला पर ब्लैकमेलिंग, मानसिक प्रताड़ना और आपराधिक धमकी के आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि महिला ने करवा चौथ न मनाने का दबाव डाला और इनकार पर धमकी दी।

जांच की स्थिति

राज्य सरकार ने आरोपों को गंभीरता से लेते हुए दो सदस्यीय समिति गठित की, जिसमें आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा और आईपीएस मिलना कुर्रे शामिल हैं। दोनों पक्षों को नोटिस जारी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “कोई भी अधिकारी कानून से ऊपर नहीं; जांच निष्पक्ष होगी और दोषी सिद्ध होने पर कार्रवाई सुनिश्चित।”

इस बीच पीड़िता का ऑडियो भी हुआ था वायरल

मामले में नया ट्विस्ट आया जब सोशल मीडिया पर पीड़िता का ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने यौन उत्पीड़न से इनकार किया। पीड़िता की बहन और जीजा ने भी आरोपों को झूठा बताया, दावा किया कि यह “झूठ बोलने की पुरानी आदत” है। जांच जारी है।

यह मामला छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में सनसनी फैलाए हुए है, और परिणाम आने तक दोनों पक्ष चुप्पी साधे हैं।

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