Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से -भूपेश डरने वाला नहीं है

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

-सुभाष मिश्र

छत्तीसगढ़ की राजनीति में केंद्रीय जांच एजेंसियों की लगातार बढ़ती कार्यवाही से नाराज़ होकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि यदि पीएम की इच्छा है तो मुझे जेल भेज के देख ले, भूपेश बघेल डरने वाला नहीं है।
दरअसल, भूपेश बघेल एक जमीनी नेता है और जब बीजेपी का शासन था और उन्हें भिलाई साडा के केस में ईओडब्ल्यू में तलब किया गया था, तब वे सपरिवार वहां पर उपस्थित हुए थे। इसके बाद सीडी मामले में भी वे कड़ी अग्नि परीक्षा से गुजर चुके हैं। अपने कई वक्तव्य और बातचीत में वे इस बात का एहसास करने से नहीं चूकते हैं कि वे मूलत: किसान हंै और तमाम तरह की मौसमी मार से किसान घबराता नहीं है। छत्तीसगढ़ में जिस तरह से उनके कार्यकाल में केंद्रीय जांच एजेंसियों का हस्तक्षेप बढ़ा है उनकी नाराजग़ी जग जाहिर है। अब चूंकि चुनाव सिर पर है, ऐसे में ईडी और आईटी की कार्यवाही से वे कतई घबराते हुए नहीं दिखते। वे राजनीति के चतुर खिलाड़ी हंै वे जानते है कि चुनाव के समय यदि उनके खिलाफ गिरफ़्तारी जैसी कोई कार्यवाही होती है तो उन्हें जनता की सहानुभूति मिलेगी। यही वजह है कि उनकी बॉडी लैंग्वेज बताती है कि वे अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं। अपने पूरे कार्यकाल में उन्होंने अपने आपको छत्तीसगढ़ की अस्मिता से जोड़ रखा है। वे ऐसा कोई अवसर नहीं छोड़ते जिसमें उनका छत्तीसगढिय़ापन प्रकट न हो। कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा जिस तरह से ईडी ऑफिस का घेराव किया जा रहा है और बयानबाजी की जा रही है वह यह बताती है कि कांग्रेस यह नरेटिव बना रही

है कि ईडी जानबूझकर लोगों को फंसा रही है। अगर हम मनी लॉन्ड्रिंग के पिछले कुछ सालों के प्रकरण पर नजऱ डाले तो यह बात साफ़ है कि 2014 से 2022 तक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 99356 करोड़ के राशि के केस दर्ज हुए। ईडी ने 9 सालो में 1700 जगह छापे डाले उसमें से 1569 में जांच का काम पूरा हुआ और केवल 9 प्रकरण में सज़ा हुई। इसी तरह आईटी के छापों के केस को देखे थे 105 कन्विक्शन हुआ। छत्तीसगढ़ की यदि बात की जाए तो यहां पर भी जो कार्यवाही ईडी और आईटी द्वारा की गई तो कुछ ही लोग जेल में है और बाकी लोग या तो जमानत पर है और बाकी कुछ को ईडी में पूछताछ कर के छोड़ दिया। छत्तीसगढ़ में जांच शराब घोटाले से शुरु हुई जो कोयला घोटाला, माइनिंग घोटाला, डीएमएफ घोटाला, चावल घोटाला, और अब महादेव एक्ट तक पहुंच गई है। ईडी द्वारा कभी कर्नाटक में तो कभी भोपाल में कभी नोएडा में एफआईआर दर्ज की जाती है। न्यायालय में सप्लीमेंट के नाम पर बहुत सारे नाम जोड़े जाते है। ईडी द्वारा जिस शराब घोटाला को 2168 करोड़ का घोटाला बताया गया है तो उसके जवाब में भूपेश बघेल कहते है कि आबकारी आय 3900 करोड़ थी वह बढ़कर 6500 करोड़ हो गई है। जिन डिसलारियों या शराब फैक्ट्री द्वारा बाटलिंग में नकली होलोग्राम का प्रयोग किया गया उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती। विधानसभा चुनाव आते ही ईडी सक्रिय हो गई है जबकि हमारी सरकार द्वारा उन्हें मांगे गए सारे दस्तावेज सौंपे गए है।
भूपेश बघेल लगातार अलग-अलग अवसर पर यह कहने से नहीं चूकते है कि ईडी के बल पर चुनाव लड़ेगी बीजेपी। ऑनलाइन सट्टेबाज़ी एप में सरक़ार को बदनाम करने की साजि़श है। ये सारी कार्यवाही चुनाव को देखकर हो रही है।
ईडी, आईटी, सीबीआई लोकतंत्र के लिए खतरा है। केंद्र सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग कानून पर बदलाव करके आपने पास असीमित अधिकार रख लिए है, किसी की भी संपत्ति अधिकार में रख लेते हैं। ईडी सम्मन लेकर रात को दो आईपीएस के दफ्तर गई, 20 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर रही है। ईडी, आईटी वाले कुत्ते बिल्ली की तरह हमारे पीछे पड़े हैं।
छत्तीसगढ़ में नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए सियासत गरमा गई है। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय छत्तीसगढ़ में लगातार कार्यवाही कर रहा है। अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने ईडी को पत्र लिखा है। जिसमें ईडी से राज्य की पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में हुए घोटाले की जांच करने की मांग कही है। छत्तीसगढ़ में ईडी कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेसियों ने ईडी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और रमन सरकार में हुए घोटालों की जांच की मांग की। विधायक कुलदीप जुनेजा, महापौर एजाज ढेबर, सभापति प्रमोद दुबे, सहकारिता बैंक के अध्यक्ष पंकज शर्मा समेत कांग्रेसियों ने ढोल नंगाड़ों के साथ भाजपा के खिलाफ की नारेबाजी की। शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गिरीश दुबे के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया। कांग्रेसियों का कहना है कि कांग्रेस के खिलाफ भाजपा ने सेंट्रल एजेंसियों को उतारा है। सरकार के कामकाज और मुख्यमंत्री की लोकप्रियता से घबराई भाजपा दबाव बनाने का प्रयास कर रही है। प्रदेश के निर्वाचित नेता, कारोबारी के बाद अब किसी भी स्तर के लोगों पर ईडी दबाव बना रही है, लेकिन भाजपा के कार्यकाल में हुए हजारों करोड़ के घोटालों की जांच नहीं की जा रही है। इसके विरोध में हम एकजुट होकर ईडी को ज्ञापन सौंपने आए हैं। इससे कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पडऩे वाला है।
महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि ईडी कांग्रेसियों पर दबाव बनाने का प्रयास कर रही है। प्रदेश के लोगों को बिना किसी तथ्य के बदनाम करने के उद्देश्य से काम किया जा रहा है। मुझे जांच के बहाने बदनाम किया। मेरे परिवार को बदनाम किया हैं। अब ईडी की साजिश लोगों तक उजागर हो चुकी है। किसी को कोई फर्क नहीं पडऩे वाला है। कांग्रेस की सरकार आने के बाद सबसे पहले साल 2020 में शराब कारोबारी के घर पर और कुछ अफसर के यहां आईटी के छापे पड़े थे जिसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा था कि अभी तो आईटी आई है और अब ईडी भी आएगी। बीते 3 सालों में एक के बाद अलग-अलग घोटालों का सामने आना और ईडी और आईटी के छापों से कनेक्शन बना हुआ है। इस मुद्दे पर राज्य की कांग्रेस सरकार, केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है, तो वहीं भाजपा, राज्य सरकार की नीतियों में खामी बता रही है। अभी कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री के ओएसडी और सलाहकार के यहां छापे पड़े थे, और इसके बाद मुख्यमंत्री ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार और प्रवर्तन निदेशालय पर निशाना साधा था। सीएम भूपेश बघेल ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए अडानी से मिलीभगत और प्रदेश की खदानों पर अडानी के कब्जे को लेकर भाजपा पर आरोप लगाया।
कांग्रेस के राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा की छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार चरम पर है। इस कारण ईईडी-आईटी को रेड करने आना पड़ा, छत्तीसगढ़ के पैसों को साइफन करके कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं के घर भेजा जा रहा है, जिसका जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री को दिल्ली जाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करना पड़ा, अब कांग्रेस पार्टी बेनकाब हो गई है।
छत्तीसगढ़ में चुनावी साल चल रहा है। छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव होने है। इसी बीच ईडी की कार्रवाई भी प्रदेश में तेज़ हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बिल्हा विधानसभा के संकल्प शिविर में शामिल हुए, जहां उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया है। सीएम भूपेश बघेल ने मंच से भाजपा और ईडी पर जमकर निशाना साधा और कहा की बीजेपी को एक भी वोट दिए तो छत्तीसगढ़ में एक भी खदान नहीं बचेंगी। छत्तीसगढ़ के गलियों में कुत्तों से ज्यादा ईडी घूम रही है। अगर पीएम की इच्छा है तो मुझे जेल भेज के देख लें, भूपेश बघेल डरने वाला नहीं है। ईडी, आईटी के छापे पर सीएम बघेल ने कहा, महादेव ऐप के नाम पर मेरे सलाहकार से पूछताछ कर रही है। हमने लगातार महादेव एप पर कार्यवाही की। हमारे से ये ऐप संचालित नहीं होता, लेकिन ये कार्यवाही छत्तीसगढ़ में करने आए हैं, इनका मकसद सिर्फ राजनीति करना है। सीएम भूपेश बघेल ने रमन सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि रमन सिंह ने 36 हजार करोड़ का नान घोटाला किया पर उसमें ईडी जांच नहीं कर रही है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने रतनजोत घोटाला किया उसकी जांच नहीं कर रहे।
सीएम भूपेश के अनुसार राज्यों में अब तक 200 से ज्यादा छापे मारे जा चुके हैं। ईडी के छापों को लेकर मुख्यमंत्री की पूर्वानुमान सही साबित हो चुका है। ऐसे में सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि क्या आईटी के छापों को लेकर मुख्यमंत्री का नया पूर्वनुमान भी सही साबित होगा।
अब यह देखना होगा कि भूपेश बघेल की चुनौती को केंद्रीय एजेंसी और अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस तरह लेते है और आने वाले समय में किस तरह की कार्यवाही होती है। सारा सियासी माहौल इस बात पर निर्भर करेगा की बीजेपी किस तरह से भ्रष्टाचार के मामले में भूपेश बघेल और उनकी सरकार को जनता के बीच ले जाती है या भूपेश बघेल जनता के बीच जाकर केंद्रीय एजेंसियो की कार्यवाही को बीजेपी का चुनावी एजेंडा बताकर अपने पक्ष में माहौल बनाते हैं।

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