Bhilai Breaking एक दिवसीय रेंज स्तरीय कार्यशाला : अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होकर काम करेगी पुलिस.. देखिए वीडियो..

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रमेश गुप्ता

Bhilai Breaking  एक दिवसीय रेंज स्तरीय कार्यशाला 

Bhilai Breaking  भिलाई.. सीन ऑफ क्राइम कैसे साक्ष्य एकत्र करना है, कैसे फिजिकल एविडेंस लेना है कैसे बायोलॉजिकल एविडेंस लेना है, कहां ट्रैक करना है, कैसे कोर्ट ऑफ़ लॉ प्रस्तुत करना है एक्सप्लोसिव ,नारकोटिक साक्ष्य के समय किन बातों का ध्यान रखना है एक कार्यशाला के दौरान बताया गया l

Bhilai Breaking  उक्त बातें एसपी डॉक्टर अभिषेक पल्लव ने आज 25 नवंबर दिन शुक्रवार को सुबह 10 बजे सीए बिल्डिंग सिविक सेंटर भिलाई में एक दिवसीय रेंज स्तरीय कार्यशाला के दौरान कहा ।

Bhilai Breaking   कार्यशाला में पुलिस डॉक्टर टीएल चंद्रा संयुक्त संचालक रायपुर, डॉ मोहन पटेल वैज्ञानिक अधिकारी दुर्ग रेंज, डॉ संचाली पाध्ये, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी रायपुर, डॉ संदीप वैष्णव वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी रायपुर के द्वारा मुख्य रूप से रेंज स्तरीय कार्यशाला एविडेंस कलेक्शन के वैज्ञानिक तरीके को एकत्र करने के संबंध में विस्तृत बातें विवेचना अधिकारियों सहित रेंज के समस्त अधिकारियों को को बताई गई।

Bhilai Breaking   कार्यशाला का शुभारंभ कार्यशाला में आए हुए अतिथियों को पुष्पगुच्छ की भेंट कर, दीप प्रज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम के शुरुआत में पुलिस अधीक्षक दुर्ग डॉक्टर अभिषेक पल्लव के द्वारा परिचयात्मक उद्बोधन में अपनी बातों को बताते हुए कहा गया कि इस कार्यशाला से पुलिस अधिकारियों को सीन ऑफ क्राइम कैसे साक्ष्य एकत्र करना है, जिससे अपराधियों में भय का माहौल बनेगा और पर्याप्त साक्ष्य होने पर कोर्ट से सजा भी हो पाएगी।

इस कार्यशाला के माध्यम से अपराध होने पर तैयार, थाने स्तर पर टीम तैयार कर वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करने हेतु पुलिस के त्वरित कार्यवाही दिखेगी, जिससे अपराधियों को कोर्ट के माध्यम से सजा भी मिल पाएगी।

Bhilai Breaking   कार्यशाला के द्वितीय चरण में डॉक्टर टीएल चंद्रा संयुक्त संचालक प्रशासन एवं एम ओ सी के द्वारा विविध प्रकार के अपराध एवं अनुसंधान घटना स्थल निरीक्षण करने की विधि एवं भौतिक एविडेंस का संकलन एवं एविडेंस कलेक्शन किट के बारे में विस्तार से विवेचना अधिकारियों को बताया गया।

तत्पश्चात डॉक्टर मोहन पटेल वैज्ञानिक अधिकारी दुर्ग संभाग के द्वारा भौतिक साक्ष्य एकत्र करने के समय बरतने वाली सावधानियां एवं पैकेजिंग, डायरी में कैटलॉग, डीएनए एग्जामिनेशन एवं कलेक्शन, एक्सप्लोसिव एवं नारकोटिक मामलों में साक्षी का एकत्र करना व पुलिस अधिकारियों को उपलब्ध कराई जाने वाली किट के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई एवं उसका एक डेमो भी दिया गया।

Bhilai Breaking   कार्यशाला के तृतीय चरण में लंच ब्रेक के बाद डॉक्टर संचाली पाध्ये वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी रायपुर के द्वारा रोल ऑफ फॉरेंसिक साइंस सेक्सुअल एसॉल्ट केस एवं इंट्रोडक्शन और इंपॉर्टेंस ऑफ डीएनए SAECK किट के प्रैक्टिकल डेमोंसट्रेशन के बारे में चर्चा की गई, तत्पश्चात कार्यशाला के चौथे चरण में रायपुर से आए हुए वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ संदीप वैष्णव के द्वारा विष, रसायन एवं नारकोटिस से संबंधित साक्ष्यों के संकलन में आप कौन बातों में प्रकाश डालकर फीडबैक लिया गया।

कार्यशाला में आए दुर्ग रेंज के समस्त थानों के विवेचना अधिकारियों को एविडेंस कलेक्शन के वैज्ञानिक तरीके से एकत्र करने वाले एविडेंस कलेक्शन किट जिसमें लेजर डिस्टेंस यूनिट, लेजर लाइट पेन, डायरेक्शन कंपास, यूवी लाइट फिंगरप्रिंट किट, फोल्डिंग स्केल, रिजिठ फोटो टाइप, नाइफ, ग्लास कटर, मैगनेट पेंन टाइप, फाइल, ग्लब्स , ब्लड आइडेंटिफिकेशन स्ट्रिप, कटर, स्क्रुड्राइवर, शू कवर, एविडेंस बैग, सैंपल कंटेनर एवं अन्य अत्याधुनिक उपकरण दिए गए।

संपूर्ण कार्यक्रम में मंच का संचालन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनंत साहू के द्वारा किया गया जिनके द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित एवं रायपुर से आए हुए वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारियों का आभार व्यक्त कर विधि विज्ञान प्रयोगशाला एवं सीन ऑफ क्राइम यूनिट के विषय पर एविडेंस कलेक्शन के वैज्ञानिक तरीकों को बारीकियों से बताने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

एक दिवसीय रेंजर स्तरीय कार्यशाला में दुर्ग रेंज के जिला दुर्ग, राजनांदगांव, कवर्धा, बालोद, बेमेतरा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक, निरीक्षक, विवेचना अधिकारी स्तर के 100 से अधिक अधिकारियों ने हिस्सा लेकर वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य एकत्र करने के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र की।

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