Bhatapara news- उत्पादन बढ़ाने किसान करें ऐसे उपाय

आया समय गहरीकरण और समतलीकरण का

राजकुमार मल

भाटापारा – अवसर है खेतों के गहरीकरण और समतलीकरण का। खरीफ की तैयारियों के बीच किया जा सकने वाला यह काम बेहतर उत्पादन जैसा प्रतिफल देगा। मिट्टी की उर्वरा शक्ति का जैसा फैलाव होगा उसका लाभ खरीफ के बाद रबी फसल में भी देखा जा सकेगा।

बेमौसम हो रही बारिश से रबी फसल को नुकसान की खबरें थमी नहीं है। इस बीच कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह जारी की है कि खाली पड़ी खेतिहर जमीन की समतलीकरण करें। इससे आगामी खरीफ सत्र में बोई जाने वाली फसल का उत्पादन बढ़ेगा। यह लाभ अगले रबी सत्र तक मिलेगा। इसलिए समतलीकरण का काम प्राथमिकता के आधार पर करें।

इसलिए यह काम

सतत मशीनीकरण की वजह से खेतों की संरचना बदल चुकी है। कहीं गहरी, तो कहीं उथली भूमि की वजह से वर्षा जल का फैलाव पूरे खेत में नहीं हो पाता। यह स्थिति कमजोर बढ़वार और कम होते उत्पादन के रूप में किसानों तक पहुंचता है। इसे आर्थिक नुकसान की भी वजह मानी जा सकती है।

रखें ध्यान

गहरीकरण के बाद समतलीकरण के काम के दौरान ध्यान रखें कि सतह की मिट्टी बाहर न फेंकी जाए। फैलाव चारों ओर होना चाहिए। कल्टीवेशन के दौरान भी इसका ध्यान रखना होगा। ऊंचाई वाले हिस्से की मिट्टी गहराई में डालना होगा। इससे खेत समतल होगा।

वर्षा जल का समान फैलाव

समतलीकरण के बाद पहला लाभ वर्षा जल का समान फैलाव के रूप में देखा जाएगा। समान संरचना की वजह से फसल को बेहतर बढ़वार मिलेगी। जो भरपूर उत्पादन के रूप में सामने आएगा। यह लाभ रबी फसल में भी किसान ले सकेंगे।

दीर्घकालिक लाभ

फसलों की जड़ को बढ़वार के लिए भुरभुरी व हवा युक्त मिट्टी की आवश्यकता होती है, ताकि जड़ ज्यादा से ज्यादा मिट्टी में फैल सके। अकरस जुताई के परिणामस्वरूप मिट्टी भुरभुरी व पोली हो जाती है, जिससे पौधे की जड़ की वृद्धि अच्छी होती है। मिट्टी में हवा का संचार अच्छा होता है, जिससे सूक्ष्म जीवों की बढ़वार एवं गुणन तीव्र गति से होता है।

-डॉ. प्रर्मेंद्र कुमार केसरी, साइंटिस्ट (सॉइल साइंस), बीटीसी कॉलेज आफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर