Bhatapara Mahua Market टपकेगा महुआ, अब एक पखवाड़े बाद

Bhatapara Mahua Market

राजकुमार मल

 

Bhatapara Mahua Market उत्पादन में 30 प्रतिशत की गिरावट के आसार

 

 

Bhatapara Mahua Market भाटापारा– इंतजार करना होगा महुआ की नई फसल के लिए। एक पखवाड़े बाद ही आने की संभावना के बीच कीमत बढ़ने लगी है लेकिन 3400 से 3500 रुपए क्विंटल जैसी ऊंची कीमत पर भी नहीं मिलने को, हैरत की नजर से देखा जा रहा है।

फूल लगने के पहले ही दौर में प्रतिकूल मौसम ने जो रूप दिखाया उसने वनोपज कारोबारियों के हौसले तोड़ कर रख दिए हैं। यह इसलिए क्योंकि मांग पहुंचने लगी है और पुराना भंडारण खत्म होने की स्थिति में आ चुका है।

घटेगा उत्पादन, बढ़ेगी कीमत

 

 

छत्तीसगढ़ में आमतौर पर सीजन के दिनों में लगभग 20000 क्विंटल महुआ का उत्पादन होता आया है। पहला साल है, जब इसमें 30 से 40 प्रतिशत कमी की आशंका बन रही है। ऐसी स्थिति में कीमत में तेजी, खरीदी के अंतिम दौर तक बने रहने की आशंका है। फिलहाल 3400 से 3500 रुपए क्विंटल का भाव बोला जा रहा है। यह नई फसल के आने तक बने रहने की ओर संकेत दे रहा है।

15 दिन बाद ही

 

 

महुआ के वृक्षों में लगने वाले फूलों का प्रथम चरण खत्म हो चुका है। नई कलियां लगती नजर आ रहीं हैं। परिपक्व होने में कम से कम 15 दिन का समय और लगेगा। इसलिए नई फसल के लिए इंतजार के दिन निश्चित ही बढ़ेंगे और कीमत भी बढ़ेगी, यह इसलिए तय माना जा रहा है क्योंकि सबसे बड़ी मांग वाले राज्य झारखंड ने वनोपज बाजार में दस्तक दे दी है।

क्या कहते हैं वानिकी वैज्ञानिक

 

बी टी सी कालेज ऑफ एग्री एंड रिसर्च स्टेशन बिलासपुर के वानिकी वैज्ञानिक अजीत विलियम्स कहते हैं कि महुआ में पुष्पन पतझड़ उपरांत फरवरी से मार्च तक होता है। फूल गुच्छों के रूप में लगते हैं। एक गुच्छे में 10 से 60 फूल लगते हैं । फरवरी एवं मार्च माह में बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि ने महुआ के उत्पादन को प्रभावित किया है। मौसम में ठंडक बनी रहने से पेड़ पर महुआ के फूल पर्याप्त नहीं आए। इस वृक्ष की यह खासियत है कि जितनी तेज गर्मी होगी। उतने ही महुआ के फूल पेड़ से गिरेंगे। लेकिन इस अवधि में अधिकांश समय आकाश में बादल बने रहे। इससे जंगलों में गर्मी कम पड़ी, जिसका सीधा असर महुआ के उत्पादन पर पड़ा।

तेजी बनी रहेगी

 

असमय बारिश से तैयार हो रहे महुआ को काफी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में उत्पादन कम होगा और कीमत तेज रहेगी क्योंकि झारखंड से डिमांड चालू हो चुकी है।

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-सुभाष अग्रवाल, एसपी इंडस्ट्रीज, रायपुर

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