Bhatapara Breaking : स्टेशन सौंदर्यीकरण की राह में बाधा बन रहे काटे जाएंगे हरे-भरे वृक्ष, नाराज हैं पर्यावरण प्रेमी

Bhatapara Breaking :

राजकुमार मल

 

Bhatapara Breaking  स्टेशन सौंदर्यीकरण की राह में बाधा बन रहे काटे जाएंगे हरे-भरे वृक्ष, नाराज हैं पर्यावरण प्रेमी

 

 

Bhatapara Breaking  भाटापारा- काटे जाएंगे छह हरे-भरे वृक्ष। यह इसलिए क्योंकि स्टेशन सौंदर्यीकरण की राह में बाधा बन रहे हैं। एवज में कहां रोपण की योजना है ? इसकी जानकारी दिया जाना उचित नहीं मान रहा रेल प्रशासन। लिहाजा पर्यावरण प्रेमियों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है।

भाटापारा। मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग का मुख्य कारोबारी स्टेशन। यात्री सुविधा में इजाफा की योजनाओं में इसका भी नाम है। ऐसे में सौंदर्यीकरण का काम अब गति पकड़ता नजर आ रहा है। शुरुआत एस्केलेटर से हो चुकी है। इसके संचालन में आने के बाद, अब पार्किंग एरिया में निर्माण का काम चालू हो चला है। ऐसे में बरसों पुराने वृक्ष काटे जाने की तैयारी रेल प्रशासन ने शुरू कर दी है।

Bhatapara Breaking   किया चिन्हाकित

 

 

पार्किंग एरिया में जिन वृक्षों को काटा जाना है उनका चिन्हांकन किया जा चुका है। घनी छांव और शुद्ध वायु देने वाले यह वृक्ष पीपल, बरगद, करंज, बादाम और गश्ती जैसे बहुमूल्य प्रजाति के हैं। पौधारोपण की हर बरस चलने वाली कार्य योजना में इनका रोपण प्राथमिकता के साथ होता है क्योंकि इन्हें दीर्घ आयु वाला माना जाता है।

Bhatapara Breaking   छिपा रहे जानकारी

 

वन नियमों के अनुसार बहुमूल्य प्रजाति के वृक्षों की कटाई के पहले वन विभाग की अनुमति आवश्यक है। काटे जाने वाले वृक्ष की प्रजाति और संख्या का बताया जाना अनिवार्य है। इतना ही नहीं, काटे जाने वाले प्रति वृक्ष की एवज में 100 गुना पौधारोपण करने के भी नियम है लेकिन इन सभी को लेकर रेल प्रशासन ने मौन साध रखा है।

Bhatapara Breaking   पर्यावरण प्रेमियों में नाराजगी

 

 

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Bhatapara Breaking   रेल प्रशासन जिस शैली में कार्य कर रहा है, उसे लेकर पर्यावरण प्रेमियों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। वजह यह है कि संतोषजनक जवाब देने से हर जिम्मेदार अधिकारी दूरी बना रहा है। मालूम हो कि पूर्व में भी तीसरी रेल लाइन बनाने के दौरान भी रेल प्रशासन ने ऐसा ही रवैया बनाए रखा था। नाराजगी तब भी देखी गई थी।

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