राजकुमार मल
Bhatapara तेज धूप, तपती सड़क पर पानी और छांव की तलाश
Bhatapara भाटापारा – चिलचिलाती धूप। तपती सड़क। प्रांगण में प्रवेश की राह देखते किसानों का हाल-चाल जानने वाला कोई नही,क्योंकि प्रांगण के बाहर पानी तो दूर, छाया तक की व्यवस्था नहीं है।
रबी फसल की बंपर आवक के बाद ध्वस्त हो चुकी व्यवस्था को फिर से बहाल करने की कोशिश चालू होती नजर आती है। प्रारंभिक निरीक्षण के दौरान मंडी निरीक्षकों ने कुछ बेहद जरूरी व्यवस्था को फिर से प्रभावी करने जरूरत बताई है ताकि फौरी राहत मिल सके।
पहला प्रयास इसका
प्रांगण में प्रवेश की राह देखते किसानों को मंडी प्रबंधन की तरफ से पेयजल की सुविधा दिए जाने की अपेक्षा है। यह इसलिए क्योंकि बाहर ऐसी कोई सुविधा नहीं है। प्रतिकूल परिस्थितियों में खरीदकर या मांग कर प्यास बुझाते हैं किसान।
सड़क पर कारोबार
व्यावसायिक संस्थानें हर हिस्से में हैं। इनकी सामग्रियां सड़क के दोनों किनारों को काफी हद तक घेरी हुई हैं। बेवजह बाधित होता है आवागमन। कुछ स्थाई चबूतरे और अनावश्यक खंबे भी हैं। इन्हें हटाए जाने की जरूरत है। तब ही बे-रोकटोक आवाजाही संभव होगी।
यह कैसे ?
वेल्डिंग दुकानें। वर्कशॉप और नमक का थोक कारोबार। यह भी सड़क पर ही होता है। कारोबार की प्रकृति से ही जानी जा सकती है कि मुख्य मार्ग का कितना हिस्सा जाम होता होगा ? इसलिए मंडी निरीक्षकों का ध्यान इस ओर भी आकृष्ट करवाया गया है। उम्मीद है खामियां दूर होंगी।
जरूरी है नियमित सफाई
डस्टबिन कहां हैं ? यह पूछना इसलिए मना है क्योंकि सड़क या नालियों में ही डाली जा रही है अपशिष्ट सामग्री। इसलिए दी जाए कड़ी चेतावनी और करवाई जाए नियमित सफाई । ऐसी अपेक्षा है मंडी प्रशासन से। वैसे इसे भी संज्ञान में लेने की बात कही है मंडी निरीक्षकों ने।
इसलिए उम्मीद
हेमंत सेन, प्रफुल्ल मांझी। चयन के बाद पहली पदस्थापना है भाटापारा में मंडी निरीक्षक के रूप में। किसान परिवार से आते हैं । इसलिए किसानों की समस्या बखूबी समझते हैं। यही वजह है कि इन्होंने खामियों को गंभीर माना है।
व्यवस्था में सुधार की संभावना है। सड़क पर जो अतिक्रमण है, उन्हें दूर करने के प्रयास गंभीरता के साथ करेंगे।
– प्रफुल्ल मांझी, निरीक्षक, कृषि उपज मंडी, भाटापारा
सुगम यातायात के लिए हर मुमकिन कोशिश की जाएगी। कृषक विश्रामगृह में सुविधा बढ़ाने के प्रयास जारी हैं।
– हेमंत सेन, निरीक्षक, कृषि उपज मंडी, भाटापारा