Bhanupratappur News : ईश्वर के प्रति समपर्ण ही मुक्ति का मार्ग-पं. अविनाश

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Bhanupratappur News : ईश्वर के प्रति समपर्ण ही मुक्ति का मार्ग-पं. अविनाश

श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस

Bhanupratappur News : भानुप्रतापपुर। पितृ पक्ष के पावन पर्व पर सप्त दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन 18 से 24 सितंबर तक बसंतनगर तिवारी निवास में किया जा रहा है।

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Bhanupratappur News : पंडित आचार्य श्री अविनाश जी महाराज के श्रीमुख से भागवत कथा का वाचन किया जा रहा है। बुधवार को चौथे दिवस भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया गया।

पंडित अविनाश महाराज ने श्रीमद भागवत के आठवें एवं नवमे स्कन्द की कथा बताई जिसमे गजेन्द्र,समुद्र मंथन, वामन अवतार राजा बली, कृष्ण जन्मोत्सव की कथा को विस्तारपूर्वक सुनाई।

Bhanupratappur News : ईश्वर के प्रति समपर्ण ही मुक्ति का मार्ग-पं. अविनाश
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वही कथा के माध्यम से आज के परिवेश का भी सुंदर उदाहरण दिया। गजेन्द्र की कथा में पुत्र व परिवार का वर्णन करते हुए कहा कि जब गजेन्द्र हाथी को ग्राहे ने अपना शिकार बना रहा था उस समय मदद के लिए न ही तो पुत्र और न ही

परिवार सामने आई अंत में ईश्वर का ही सहारा मिला।कहने का तात्पर्य यह है कि जिस पुत्र परिवार के लिए अपना सब कुछ निवक्षावर करने के बावजूद भी समय पर पुत्र व परिवार काम नही आता है, केवल पिता के धन सम्पति को अपनाते है,

लेकिन अपने माता पिता को अपनाने से इंकार कर देते है। यही कारण है कि आज देश मे वृद्धा आश्रम की संख्या बढ़ती जा रही है। इस लिए मनुष्य को अपने जीवन मे अधिक से अधिक समय ईश्वर में देना चाहिए तभी जीवन सार्थक हो सकेगा ।

Bhanupratappur News : ईश्वर के प्रति समपर्ण ही मुक्ति का मार्ग-पं. अविनाश
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लेकिन मनुष्य केवल दुख में भगवान को सुमिरन करते है। समुद्र मंथन कथा में देव व राक्षस के मध्य किया गया इस दौरान विष,कामधेनु, अश्व, एरावत, माला,कल्पवृक्ष, रंभा, महालक्ष्मी, धरमी, पारिजात एवं अमृत की उत्पत्ति हुई।

वामन अवतार कथा में
महाराज ने बताया कि तीन ऐसे भक्त हुए जिनके प्रश्नों के उत्तर भगवान भी नही दे पाए जिनमे काली, बाली एवं राजा बलि का वर्णन है।

राजा बलि गाय एवं बाम्हण गुरुओं को हमेशा आदर सम्मान किया करते थे इसलिए वे तीनों लोकों में विजय अधिपत्य स्थापित कर लिया था।

गौ माता में सभी देवी देवताओ का वास होता है, इसलिए गौमाता का सेवा करनी चाहिए लेकिन वर्तमान में गौमाता की स्थिति दयनीय है।

इनके अलावा शराब से शरीर व सम्पत्ति का विनाश होता है ,व संयुक्त परिवार व आज के परिवार विचारों का न मिलना एवं शास्त्रों की अनभिज्ञता होना बताया गया।नवमे स्कन्द में कृष्ण जन्म उत्सव हुआ झांकी निकाली गई।

स्वर्गीय सौरव तिवारी के पुण्यतिथि, पितृ पक्ष एवं पितृ प्रसन्नता हेतु श्रीमद्भागवत का आयोजन किया जा रहा है।
लक्ष्मीनाथ तिवारी ने बताया कि पितृपक्ष के पावन अवसर पर श्रीमद भागवत कथा का आयोजन मेरी जानकारी में यह क्षेत्र में पहली आयोजन है।

लोगो का मानना है कि इस पर्व में धार्मिक अनुष्ठान नही किये जाने की धारणा बनी हुई है,मैं कहना चाहता हूं लोगो को संदेश भी देना चाहता हूँ कि पितृपक्ष में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन स्वर्गीय पूर्वजो के लिए शत प्रतिशत पूर्ण मोक्ष की

प्राप्ति है। ऐसे धार्मिक अनुष्ठान में लोगो को आगे आना चाहिए ताकि पितरो को मोक्ष प्रदान किया जा सके।

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