Bhanupratappur BJP ईडी के कार्यवाही को लेकर भाजपा का प्रेसवार्ता
Bhanupratappur BJP भानुप्रतापपुर। महादेव बुक एप की ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ ईडी के कार्यवाही को लेकर भाजपा के पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडये ने की प्रेसवार्ता।
फारेस्ट विश्रामगृह में श्री पांडेय ने पत्रकारों को बताया कि ईडी के कार्यवाही को लेकर जितने बदहवास मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिख रहे है, उससे साफ समझ आ रहा है कि इन तमाम घोटालों का किंगपिंग और प्रोटोटिकल मास्टर कौन है।
जब मुख्यमंत्री के करीबी उप सचिव जेल गए थे तब भी उतने गंभीर नज़र नही आये थे। आरोपियो, अपराधियों को बचाने के लिए कांग्रेस के प्रदेश और राष्ट्रीय कार्यलयो का उपयोग किये जाने की बात कही।
वही मुख्यमंत्री के 75 सीट जितने की बात को लेकर प्रेम प्रकाश पांडेय ने तंज कसते हुए कहा कि पहले अपना सीट बचा फिर 75 सीट की बात करे हमने तो सुना है कि वो अपने ही सीट से खिसकने वाले।
भाजपा ने पाटन विधानसभा क्षेत्र में एक ऐसा प्रत्याशी उतारा जा जो कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के मात्र महीने में उन्ही के लोकसभा क्षेत्र से भारी मतों से जीत हासिल की थी, पहले इनसे बच ले।
आप सबको मालूम है कि ईडी ने यह कार्रवाई तब शुरू की जब छत्तीसगढ़ पुलिस ने सबसे पहले महादेव बुक एप की ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हालांकि यह भी सबको मालूम है कि यह एफआईआर असल मुजरिमों को बचाने और कार्रवाई के नाम पर लिपा पोती के लिए दर्ज की गई थी इसके पहले विशाखापटनम पुलिस ने भी इस नेटवर्क के खिलाफ विस्तृत जांच की थी जिसमें इस गिरोह के काम करने के तौर तरीकों और हजारों करोड़ के बेनामी लेन-देन कां भांडाफोड़ किया गया था।
अगर मुख्यमंत्री पाक-साफ होते तो न केवल ईडी की तमाम कारवाई का स्वागत करते, जांच में पूरा सहयोग करते बल्कि एजेंसी को धन्यवाद भी देते कि छत्तीसगढ़ को इस बेदर्दी से लूटने वालों पर कारवाई कर रही है केन्द्रीय एजेंसियां ।
जबकि उलटे ईडी के खिलाफ न केवल रायपुर और दिल्ली तक प्रेस आदि किया जा रहा है बल्कि ईडी के अधिकारियों के खिलाफ गाली-गलौज और हिंसा भी की जा रही है।
जिस तरह कल भिलाई में अपना काम कर रहे अधिकारियों के खिलाफ आरोपियों के गुंडों ने हिंसा करने की कोशिश की, बल्कि गाड़ियों में तोड़-फोड़ भी किया इससे छत्तीसगढ़ बदनाम हो रहा है। कांग्रेस के नेताओं के संरक्षण में इस तरह की हिमाकत करने वालों पर कड़ी कारवाई मुख्यमंत्री को करनी चाहिए।
जो काम कांग्रेस की स्थानीय सरकार को करनी चाहिए थी, जिस ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अभियान चलाना चाहिए था, उसके उलट – जैसा कि ईडी के प्रेस रिलीज में आरोप है, शासन के उच्च स्तरीय लोग अपराधियों से वसूली में लगे थे और संरक्षण दे रहे थे।
जब-जब सट्टेबाजों के खिलाफ आवाज उठायी जाती थी, तब-तब रसूखदारों के कमीशन का रेट बढ़ जाता था। ईडी की कार्यवाई छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश पुलिस दर्ज FIR की बुनियाद पर की जा रही है। और ईडी की अब तक की जाँच के मुताबिक सट्टे का यह नेटवर्क हजारो करोड़ रूपये का है।
सट्टेबाजों के हौसले इतने बुलंद थे कि बकायदा पूरे-पूरे पेज का विज्ञापन जारी कर ये अपना यूजर बढ़ा रहे थे, एक तरह से प्रदेश और शासन को मूंह चिढा रहे थे ये । प्रदेश के युवाओं की गाढ़ी कमाई विदेशों में भेजी जा रही थी और बजाय अपराधियों पर कारवाई के शासन-प्रशां से जुड़े लोग कमीशन खाने में व्यस्त थे।
छत्तीसगढ़ के गरीब और भोले भाले युवाओं को ऑनलाइन जुए की लत लगाकर इस बेदर्दी से संस्थागत लूट की जितनी निंदा की जाय, वह कम है।
इस महीने की 10 तारीख को गुढ़ियारी पुलिस द्वारा दर्ज मामले में पता चला है कि किस तरह इस गिरोह के लोग भोलेभाले लोगों के आधार कार्ड और दस्तावेज हासिक करके फर्जी बैंक खाते खुलवा रहे थे और इन खातों के जरिये करोड़ों का अवैध लेन-देन किया जा रहा था।
अनेक बेनामी खाते और चेकबुक का भी दुरुपयोग किया गया है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए एएसआई चंद्रभूषण वर्मा ने अपने बयानों में स्पष्ट किया है कि वह मुख्यमंत्री कार्यालय के शक्तिशाली अधिकारियों और महत्वपूर्ण राजनीतिज्ञों को महादेव एप्प के संचालकों से वसूले गए करोड़ों रुपए प्रोटेक्शन मनी के रूप में देता रहा है।
ईडी ने अपने अभियोजन पत्र में यह भी लिखा कि एडिशनल एसपी रैंक के अफसरों को 65 लाख रुपए महीने ऐप संचालकों की तरफ से रिश्वत के रूप में दिए जा रहे थे। ऐसी स्थिति में इनसे उच्च स्तर के पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक रूप से शक्तिशाली लोगों को कितना पैसा मिलता होगा इसका अनुमान लगाना बहुत कठिन नहीं है।
ईडी ने इस मामले में सुपेला पुलिस द्वारा मई 2022 में मामला दर्ज किए जाने के बाद महादेव एप्प की जांच शुरु की है। ऐसे में मुख्यमंत्री का आरोप बेतुका और बौखलाहट से भरा है। दरअसल, कांग्रेस सरकार और उसकी पुलिस ने महादेव एप्प के सरगनाओं से और अधिक पैसा ऐंठने की नीयत से दिखावटी कार्रवाई शुरू की थी जिसमें स्थानीय स्तर पर सट्टेबाजी का काम देख रहे इस गिरोह के छोटे-मोटे गुर्गों को बलि का बकरा बनाकर असल चेहरों को बचाया जा सके। वर्तमान में महादेव एप्प और इसके सहयोगी रेड्डी अन्ना के 50 लाख यूजर्स अनुमानित है।
इन यूजर्स के माध्यम से इस गिरोह के सरगन करीब एक हजार करोड़ से भी अधिक धन विदेश भेज रहे है। इस काम में गिरोह ने तकरीबन 20 हजार कॉर्पोरेट, करंट, सेविंग बैंक खातों और तकरीबन 250 से ज्यादा शैल कंपनियों का इस्तेमाल करते आ रहा है। भूपेश बघेल ने इतने बड़े पैमाने पर हो रही इस लूट घर समय रहते एक्शन क्यों नहीं लिया। अगर उनमें जरा भी नैतिकता है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
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देवलाल दुग्गा,सतीश लटिया,आलोक ठाकुर, नरोत्तम चौहान, राजा पांडेय, गौतम उयके, आकाश सोलंकी, संकेत नाशीने हेमंत बंटी ठाकुर सहित भारी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।