Bhanupratappur : निस्वार्थ समर्पण ही असली मित्रता-पं अविनाश

Bhanupratappur :

Bhanupratappur श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ का विश्राम, सैकड़ों भक्तों ने ग्रहण किया महाप्रसाद

Bhanupratappur भानुप्रतापपुर। श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ का रविवार को यज्ञ अनुष्ठान पूर्णाहुति व महाप्रसाद भंडारा के बाद विश्राम हो गया। सैकड़ो भक्तों ने महाप्रसाद ग्रहण किया।

Bhanupratappur भागवत कथा का श्रवण से मन आत्मा को परम सुख की प्राप्ति होती है। श्री सांई मंदिर प्रांगण में 24 दिसम्बर से 1 जनवरी तक नौ दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ आयोजन श्री सांई बाबा सेवा समिति के द्वारा किया गया। रविवार को प्रातःकाल से ही मंदिर प्रांगण में हवन पूजन प्रारंभ था, जो दोपहर तक चलता रहता है, पांच हवनकुंड में सैकड़ो भक्तों के द्वारा पूजन किया गया। तत्पश्चात दोपहर से रात्रि तक सैकड़ो भक्तों को भंडारा भोजन महाप्रसाद का लाभ लिए।

आठवें दिवस पंडित अविनाश महराज ने शनिवार को प्रदूयमन जन्मकथा, शेष विवाह, सुदामा चरित्र,परिक्षित मोक्ष कथा की कथा बताई गई। उन्होंने बताया कि सुदामा चरित्र हमें जीवन में आई कठिनाइयों का सामना करने की सीख देता है। सुदामा ने भगवान के पास होते हुए अपने लिए कुछ नहीं मांगा। अर्थात निस्वार्थ समर्पण ही असली मित्रता है। अपने मित्र का विपरीत परिस्थितियों में साथ निभाना ही मित्रता का सच्चा धर्म है!


कथा के दौरान परीक्षित मोक्ष व भगवान सुखदेव की विदाई का वर्णन किया गया। कथा के बीच-बीच में भजनों पर श्रद्धालुओं ने नृत्य भी किया। इस दौरान बड़ी संख्या में महिला पुरुष श्रोता मौजूद थे।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU