Bhagwat God : अजन्मा होकर भी जगत के कल्याण के लिए अवतार लिया करते हैं भागवत भगवान

Bhagwat God :

Bhagwat God : अजन्मा होकर भी जगत के कल्याण के लिए अवतार लिया करते हैं भागवत भगवान

Bhagwat God :
Bhagwat God : अजन्मा होकर भी जगत के कल्याण के लिए अवतार लिया करते हैं भागवत भगवान

Bhagwat God : सक्ती  । खरकिया परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ 29 अगस्त से 4 सितम्बर तक आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन आचार्य डॉक्टर संजीव सलिल ने कहा कि भगवान सदैव अपने भक्त के वशीभूत होते है , भक्ति में बड़ी शक्ति होती है ।

https://jandhara24.com/news/102083/international-yoga-day-many-celebrities-including-home-minister-sahu-mp-saroj-pandey-did-yoga-gave-these-messages/

Bhagwat God :  एक भक्त ही भगवान को अपनी भक्ति के द्वारा अपने धाम से धरती लोक पर ला सकता है भगवान प्रेम के वशीभूत हैं भगवान को बांधना या पाना संभव नहीं है उन्हें तो केवल अपनी श्रद्धा और भक्ति के बल पर ही प्राप्त किया जा सकता है ।

Bhagwat God : दृढ़ संकल्प कर लेने पर कठिन से कठिन कार्य भी सिद्ध हो जा ते हैं अस्वस्थामा द्वारा द्रोपति के पांच पुत्र वध द्रोपति द्वारा अस्वस्थामा वध नहीं करने जीवन दान उत्तरा के गर्भ की रक्षा एवं ध्रुव कथा का श्रवण कराया उन्होंने कहा कि जिस प्रकार 5 वर्ष के भक्त बालक ध्रुव ने अपनी भक्ति के बल पर भगवान से दिव्य वरदान प्राप्त कर लिया था !

Bhagwat God : ये बाते सक्ति नगर के गुरुद्वारा के बगल खरकिया परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन की भागवत कथा कहते हुए व्यासपीठ से कथावाचक डॉक्टर संजीव सलिल ने बताया कि हमारे जीवन में 24 के अंक की बड़ी महत्ता होती है , भगवान श्री नारायण के 24 अवतार भागवत में वर्णित है , भागवत भगवान के अवतारों का इतिहास है , वह अजन्मा होकर के भी संपूर्ण प्राणियों के कल्याण करने के लिए अवतार लिया करते हैं ।

Bhagwat God : इस संसार के उत्पत्ति से पालन और संहार उन्हीं के हाथों में है , उनके रहने के लिए इस संसार का होना नहीं होना यह मायने नहीं रखता । श्रीमद् भागवत कथा मनुष्य के जीवन के लिए जरूरी है भागवत सुनने से आत्मज्ञान होता है और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है साथ ही भागवत करवाने से पूर्वजों को सद्गति गोलोक प्राप्त होता भगवान श्री कृष्ण के स्वर धाम गमन करने के 30 वर्ष व्यतीत होने पर इस धरती में पहली बार श्रीमद्भागवत की कथा शुकदेव जी महाराज के मुखारविंद से हुई थी और कथा के यजमान राजा परीक्षित , थे तभी से यह ज्ञान गंगा रूपी भागवत कथा अमृत की रस धारा आज पर्यंत तक धरती में अपने पूर्वजों को तारने के लिए श्रीमद् भागवत कथा आयोजित हो रही है ।

Bhagwat God :  पुराणों में इसे सरिता अर्थात प्रवाहित ज्ञान गंगा कहा गया है जिस प्रकार नदी में कोई घाट नहीं होती उसी प्रकार भागवत में प्रवेश करने का कोई दिन निश्चित नहीं होता कथावाचक डॉक्टर सलील कृष्ण जी के द्वारा दूसरे दिन की कथा में शुकदेव जी का प्राकट्य , परीक्षित जन्म और राजा परीक्षित को श्रृंगी ऋषि का श्राप तथा सृष्टि वर्णन एवं ध्रुव चरित्र की कथा का सरस वर्णन सभी भक्तजनों को सुनाया गया ।

National Nutrition Month : 1 से 30 सितम्बर तक मनाया जाएगा राष्ट्रीय पोषण माह

भागवत कथा में संगीत दल के आचार्यों के द्वारा मधुर संगीत एवं उपाचार्य के द्वारा स्वर वेद मंत्रोच्चार कर पाठ एवं वेदी पूजन संपन्न कर बांके बिहारी की भजन से भक्तगण राधे राधे के जयकारा लगाते हुए झूम रहे थे खरकिया परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में शाम महा आरती के बाद प्रसाद का वितरण किया जा रहा है श्रीमद् भागवत कथा सुनने के लिए नगर एवं दूरस्थ ग्रामों से आए कथा श्रोताओं को प्रतिदिन कथा रस पान के साथ मधुर संगीत , प्रेरणास्पद दृष्टांत एवं जीवंत झांकियों का दर्शन लाभ प्राप्त लेते हुए भागवत कथा सुनकर पुण्य का लाभ उठा रहे हैं !

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU