Bhagwat Geeta भागवत गीता के महत्व पर कवि सम्मेलन का आयोजन

Bhagwat Geeta

Bhagwat Geeta भगवत गीता भगवान श्री कृष्ण का रहस्यमय आदेश है जो सर्वथा ऋषि सेवित है

Bhagwat Geeta सक्ती l सांस्कृतिक विकास मंच सक्ती के तहत गीता जयंती एवं भगवत गीता प्राकट्य महोत्सव तथा भागवत गीता के महत्व पर कवि सम्मेलन का आयोजन सक्ती नगर के गायत्री शक्तिपीठ परिसर में किया गया l आयोजन के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध भागवता आचार्य राजेंद्र जी महाराज एवं चितरंजन सिंह पटेल अधिवक्ता तथा सांस्कृतिक विकास मंच सक्ती के अध्यक्ष एलआर जायसवाल द्वारा भगवान श्री कृष्ण जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया

Bhagwat Geeta गीता जयंती के अवसर पर सक्ती जिला के कई स्थानों से आए हुए प्रबुद्ध कवि एवं कवित्रीयों के द्वारा भगवत गीता का मानव जीवन में महत्व के विषय पर अपनी रचना गीत एवं कविता पाठ प्रस्तुत किया गया l कवि एवं साहित्यकारों में एलआर जैस्वाल द्वारा आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए सभी अतिथियों का कविता के माध्यम से अभिनंदन किया गया l

Bhagwat Geeta इस अवसर पर भगत राम साहू द्वारा अपनी साहित्य रचना के माध्यम से गीता के महत्व पर विस्तार से कविता पाठ किया गया l रेखा सिंह ठाकुर , तिलोत्तमा पांडे , आशा भारद्वाज , मनीषा भारद्वाज , दिनेश कुमार पटेल रामपुर , पंडित रामाधार पांडे , जीएल चौहान , नारायण साहू द्वारा कविता पाठ किया गया l सुश्री सुचिता साहू को उनके द्वारा इंद्रप्रस्थ में प्रस्तुत किए गए विशिष्ट कविता पाठक के लिए सांस्कृतिक विकास मंच सक्ती द्वारा प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया l

कार्यक्रम के मुख्य अतिथी भागवताचार्य राजेंद्र जी को सांस्कृतिक मंच के द्वारा अभिलेख प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया इस अवसर पर राजेंद्र महाराज ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भगवत गीता भगवान श्री कृष्ण की मुखारविंद से प्रकट हुई वाणी है , जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने अवसाद ग्रस्त अर्जुन को ज्ञान मार्ग का दर्शन कराते हुए कुरुक्षेत्र की धर्म भूमि में उपदेश देते हुए कहा था l महाभारत के प्रसंग में भगवान के द्वारा प्रकट 700 श्लोक को व्यास जी महाराज ने संकलित कर 18 अध्यायों में भगवत गीता की रचना की l 5152 वर्ष पूर्व माह मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी अर्थात मोक्षदा एकादशी के दिन भगवत गीता का प्राकट्य भारत भूमि पर हुआ , जो हम सभी के लिए गौरवपूर्ण है l सनातन धर्म की जीवन पद्धति में चार ग्रंथ हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है l

Bhagwat Geeta राम चरित्र मानस हमें मर्यादा पूर्वक जीवन निर्वहन करते हुए जीवन जीना सिखाती है , तो वही महाभारत ग्रंथ हमें रहना सिखाती है , और भगवत गीता हमें कर्म को सत्कर्म में बदलने की प्रेरणा देती है , तो श्रीमद्भागवत हमें मरना भी सिखाती है l आचार्य ने बताया कि वराह पुराण में श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है की गीता ही मेरा श्रेष्ठ घर है जहां में निवास करता हूं , और गीता ज्ञान से अनुप्राणित होकर मैं स्वयं तीनों लोगों का पालन भी करता हूं l

Bhagwat Geeta भगवत गीता भगवान श्री कृष्ण का रहस्यमय आदेश है जो सर्वथा ऋषि सेवित है l यह ग्रंथ किसी एक धर्म संप्रदाय अथवा व्यक्ति के लिए नहीं है अपितु यह पूरे विश्व के सभी के कल्याण के लिए है , और विशेषकर उनके लिए जो अनादि काल से अज्ञानता के कारण संसार सागर में डूबे हुए हैं l जो अवसाद में है और प्रसाद चाहते हैं , जो अशांत हैं और शांति चाहते हैं क्योंकि भगवान श्री कृष्ण की मुस्कान है गीता l समस्याओं का समाधान है गीता l और मानवता का उत्थान है इस अवसर पर  रामकुंवर साहू , संतोषी केसरवानी , पुनीत वैष्णव , देवदत्त चंद्रा , चतुरसिंह चंद्रा , दीनदयाल चौहान एवं अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे l कार्यक्रम का संचालन पंडित हरीश कुमार दुबे द्वारा किया गया तथा आभार भगत राम साहू ने किया l

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