छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में एक्सपायरी बीज के कारण किसानों की फसल बर्बाद होने के मामले में नाराजगी बढ़ती जा रही है। किसानों का कहना है कि उन्होंने प्रति एकड़ लगभग 80-90 हजार रुपए खर्च किए, लेकिन मुआवजे के तौर पर केवल 50 हजार रुपए दिए गए, जो उनके मुताबिक घाटे का सौदा है।

इस विवादित मामला ग्राम कंदई, सेमरिया और पदुमसरा सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों का है। लगभग 20-25 किसानों ने फूल गोभी की खेती के लिए लीलाधर राठी खाद्य दुकान से बीज खरीदे, जो बाद में एक्सपायरी साबित हुए। इस वजह से किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ।
किसानों ने बीज कंपनी और दुकानदार पर मिलीभगत के भी आरोप लगाए हैं और न्यायपूर्ण मुआवजा की मांग की है।

जांच अधिकारी का कहना है कि कंपनी मैनेजर और दुकानदार के साथ बैठक कर मामले का निपटारा करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि किसानों का कहना है कि प्रति एकड़ 50 हजार रुपए का मुआवजा पर्याप्त नहीं है, और उन्हें उनके निवेश के अनुसार उचित मुआवजा मिलना चाहिए।