बथुआ’ याने हर मर्ज की दवा…

होते हैं भरपूर पोषक तत्व और मेडिशनल प्रॉपर्टीज

राजकुमार मल –

भाटापारा-बथुआ भाजी याने हर मर्ज की दवा। छिटपुट आवक के बीच खरीदी भी निकल रही है। भाजी की ढेर सारी प्रजातियां की भीड़ में, बथुआ की पहचान इसलिए अलग मानी जाती है क्योंकि इसमें औषधीय तत्वों की मौजूदगी कहीं ज्यादा है।

शीत ऋतु में होने वाली भाजियों में बथुआ की पहचान इसलिए अलग है क्योंकि इसे लगभग हर मर्ज की दवा के रूप में जाना जाता है। खासकर शरीर के सेल्स बनाने में तो इस भाजी का जवाब नहीं। साथ ही आम हो चली गैस की समस्या भी दूर करते हैं, इसमें मौजूद औषधीय तत्व।

होते हैं यह औषधीय तत्व

भरपूर मात्रा में विटामिन ए, बी और विटामिन सी होते हैं। इसके अलावा अमीनो एसिड्स, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम और फास्फोरस की मात्रा भी होती है। पोषक तत्वों के साथ एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा भी इसमें अच्छी-खासी है। सेवन की मात्रा नियंत्रण में रखनी होगी क्योंकि इसमें ऑक्जेलिक एसिड का लेवल ज्यादा होता है। अधिक मात्रा में सेवन, डायरिया की वजह बन सकता है।

यह मर्ज दूर

शरीर के फंक्शन को नियंत्रित करने वाले सेल्स बनाने के साथ, इन्हें दुरुस्त रखती है बथुआ भाजी। आम समस्या बन चुकी कब्ज और गैस को भी खत्म करने में सहायक है। पेट के हर रोग को दूर करने की क्षमता है बथुआ में। पत्तियों को उबालकर पीने से त्वचा संबंधी समस्याएं आसानी से दूर की जा सकती हैं। रक्त प्रवाह सही करने के लिए नीम की चार या पांच पत्तियों के रस के साथ बथुआ का सेवन किया जा सकता है।

यह सावधानी जरूरी

अनुसंधान में बथुआ में ऑक्जेलिक एसिड का स्तर, बहुत ज्यादा मात्रा में होना पाया गया है। इसलिए सेवन के दौरान मात्रा नियंत्रण में होना चाहिए, अन्यथा डायरिया जैसी स्वास्थ्यगत परेशानी हो सकती है।

सेहत का खजाना

सर्दी का मौसम शुरू हो गया है। इस मौसम में सबसे ज्यादा लोग बथुआ का साग खाना पसंद करते हैं। बथुआ लाजवाब स्वाद के साथ-साथ पोषक तत्व से भी भरपूर होता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन बी 2, बी 3, बी 5, विटामिन-सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, फास्फोरस, लोहा, पोटैशियम, सोडियम पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है।