Los elections: बासुदेव मांझी लोस चुनाव में टिकट की कर रहे दावेदारी

Los elections: Basudev Manjhi is claiming ticket in Los elections.

पटवारी की नौकरी छोड़ राजनीति में आये

एक बार फिर से राजनीतिक सरगर्मी तेज

 

सूरजपुर। लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है , इसी क्रम में सरगुजा लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की ओर से कई दावेदार हैं अब बस देर है तो लोकसभा चुनाव के तारीख के ऐलान का। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में जिस तरह भाजपा ने कई नए चेहरे को चुनाव मे उतार कर जीत हासिल की है ठीक उसी तरह लोकसभा चुनाव में भी नए दावेदार पर भाजपा दांव लगा लगा सकती है।

फिलहाल आज हम बात करेंगे सरगुजा लोकसभा क्षेत्र के बारे मे यह लोकसभा आदिवासी बाहुल्य है और शुरू से ही यह सीट आरक्षित रही है। विधानसभा चुनाव में जिस तरह भाजपा ने पूरे प्रदेश सहित सरगुजा विधानसभा सीटों में भी शानदार विजय दर्ज की है लोकसभा चुनाव मे भी ऐसे ही नतीजे की उम्मीद करेगी इसीलिए यहां प्रत्याशी चैन को लेकर पार्टी काफी सावधानी बरत रही है। छत्तीसगढ़ मे हमेशा से ही दोनों ही प्रमुख पार्टी भाजपा और कांग्रेस के बिच ही सीधा मुकाबला होता है। छत्तीसगढ़ की राजनीति में आज हम उन नेताओं की बात करेंगे जिन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में अपना भविष्य बनाया? है। चाहें छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की बात की जाए या फिर हाल ही में भाजपा छोड़ चुके दिग्गज आदिवासी नेता नंदकुमार साय की। ऐसे ही कई नौकरशाह जो विधायक और सांसद भी बने। रामपुकार सिंह, मोहन मरकाम, रेणु जोगी, चंद्रदेव राय, सावित्री मंडावी, विक्रम उसेंडी जैसे तमाम दिग्गज नेता जिन्होंने राजनीति में बड़े मुकाम हासिल किए हैं। इसी कड़ी में आज हम बात कर रहे हंै पटवारी की नौकरी छोड़ कर राजनीतिी में आने वाले बासुदेव मांझी की जो की चेरवा समाज से आते हंै।

प्रतापपुर के मझगवां में रहने वाले बासुदेव मांझी पटवारी की नौकरी छोड़कर चुनाव में उतरने का मन विधानसभा चुनाव मे ही बना लिया था पर किसी कारण वश वह विधानसभा चुनावी मैदान में नहीं उतर पाए अब वो पटवारी के नौकरी छोड़ लोकसभा चुनाव मे अपनी दावेदारी पेश कर रहे है। बासुदेव मांझी ने बताया की वो राजस्व पटवारी संघ प्रतापपुर के ब्लॉक अध्यक्ष रहा चुके हैं वहीं समाजिक पृष्ठभूमि की बात करे तो चेरवा समाज के वरिष्ठ संरक्षक, जनजाति गौरव समाज के जिला सचिव रहा चुके हैं। वासुदेव मांझी ने विकासखंड मुख्यालय प्रतापपुर मे वो अपनी 20 डिसमिल जमीन भी संघ को निशुल्क दान कर चुके हैं। वही भाजपा और संघ से ये काफी लम्बे अरसे से जुड़े हुए हैं। वहीं नौकरी से इस्तीफा देने के बाद से ही वो लगतार सरगुजा लोकसभा क्षेत्र का दौरा करने में लगे हुए हैं अब देखना यह है कि भाजपा पार्टी इन्हें मौका देती है या नहीं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU