Bastar tribal culture tradition 12 वर्षो बाद होने वाले भव्य देव जातरा में शामिल हुए पूर्व विधायक भोजराज नाग
Bastar tribal culture tradition पखांजुर ! आदिवासियों का गड़ माने जाने वाले पवित्र बस्तर की माटी में बस्तर आदिवासी संस्कृति परंपरा देव जात्रा देव मेला प्रकृति पूजा का अद्भुत समागम देखने को मिलता है वही आदिवासी देव संस्कृति की बात करें तो यहां गोत्र परंपरा अनुसार देव जात्रा का भी विधान प्राचीन काल से ही देखने सुनने को मिलता है !
Bastar tribal culture tradition देव जात्रा आदिवासियों की एक ऐसी आराधना होती हैं जिसमे सैकड़ों हजारों गांव से आमंत्रित होकर देवता पहुंचते हैं जहा उनके नृत्य और कला का प्रदर्शन भी देखने को मिलता है बस्तर आदिवासी संस्कृति में देव जात्रा देव मिलन समागम बस्तर परंपरा अनुसार 1वर्ष में 2 वर्षो में 3 वर्षो में 7 वर्षो में और महाकुंभ के समान 12 वर्ष में एक बार बड़ा वृहत रूप में जात्रा का आयोजन किया जाता है !
Bastar tribal culture tradition इस बार गोत्र परंपरा अनुसार सलाम परिवार जिसमे 7 गोत्र भाई का समागम होता हैं उनके द्वारा देव कोठार काढ़ा हुर्रा पेन जात्रा का आयोजन किया गया,जिसमे बस्तर के सैकड़ों गांवों के साथ साथ अन्य राज्य उड़ीसा महाराष्ट्र ,मध्यप्रदेश से भी आमंत्रण पर देवी देवताओं की उपस्तिथि हुई !
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इस देव जात्रा कार्यक्रम में 20 से 25 हजार की संख्या में आदिवासी समाज एकत्रित हुए जिसमे मुख्य रूप से अंतागढ़ विधानसभा के पूर्व विधायक एवं जनजाति सुरक्षा मंच के प्रदेश संयोजक जिनका अंतागढ़ परगना में पुजारी के नाम से जाने जाने वाले भोजराज नाग की उपस्तिथि हुई जहा उनका भव्य स्वागत किया गया।