विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता रैली का आयोजन, 16 दिवसीय अभियान शुरू

कोरिया, 1 दिसंबर 2024 विश्व एड्स दिवस के अवसर पर आज कोरिया जिले में जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी के निर्देशानुसार एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के मार्गदर्शन में इस रैली की शुरुआत जिला अस्पताल से हुई। जिला कार्यक्रम प्रबंधक अशरफ अंसारी एवं डॉक्टर कार्तिकेय ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया।

रैली उद्देश्य
यह रैली जिला अस्पताल से शुरू होकर फव्वारा चौक, घड़ी चौक, एसबीआई बैंक रोड, एसईसीएल चौक कॉलोनी होते हुए बस स्टैंड मार्ग से वापस जिला अस्पताल पहुंचकर समाप्त हुई। इसका उद्देश्य आमजन को एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूक करना और इस गंभीर बीमारी के रोकथाम हेतु प्रयास तेज करना है।

16 दिवसीय जागरूकता अभियान
यह अभियान 1 दिसंबर से 16 दिसंबर 2024 तक चलेगा। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों, स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। छात्रों के बीच विभिन्न गतिविधियां कराई जाएंगी और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा।

विशेष शिविर का आयोजन
बैकुंठपुर के बस स्टैंड में विशेष शिविर लगाया गया, जहां लोगों को एड्स की रोकथाम और प्रबंधन के लिए जानकारी और परामर्श प्रदान किया गया।

एचआईवी और एड्स में क्या अंतर है?
एचआईवी और एड्स के बीच अंतर यह है कि एचआईवी एक वायरस है जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है। एड्स एक ऐसी स्थिति है जो एचआईवी संक्रमण के परिणामस्वरूप हो सकती है जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर रूप से कमजोर हो जाती है।अगर आप एचआईवी से संक्रमित नहीं हैं तो आपको एड्स नहीं हो सकता। वायरस के प्रभाव को धीमा करने वाले उपचार की बदौलत, एचआईवी से पीड़ित हर व्यक्ति को एड्स नहीं होता। लेकिन उपचार के बिना, एचआईवी से पीड़ित लगभग सभी लोग एड्स की चपेट में आ जाएंगे।

एचआईवी किसी व्यक्ति को क्या नुकसान पहुंचाता है?
एचआईवी आपके प्रतिरक्षा तंत्र की सफ़ेद रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करता है जिन्हें सीडी4 कोशिकाएँ या सहायक टी कोशिकाएँ कहते हैं। यह सीडी4 कोशिकाओं को नष्ट कर देता है, जिससे आपकी सफ़ेद रक्त कोशिका की संख्या कम हो जाती है। इससे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली ऐसी हो जाती है जो संक्रमणों से नहीं लड़ सकती, यहाँ तक कि उन संक्रमणों से भी जो आम तौर पर आपको बीमार नहीं करते।

एचआईवी शुरू में आपको फ्लू जैसे लक्षणों के साथ बीमार महसूस कराता है। फिर यह आपके शरीर में लंबे समय तक छिपा रह सकता है, बिना किसी खास लक्षण के। उस दौरान, यह धीरे-धीरे आपकी टी-कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। जब आपकी टी-कोशिकाएँ बहुत कम हो जाती हैं या आपको कुछ ऐसी बीमारियाँ होने लगती हैं जो स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को नहीं होती हैं, तो एचआईवी एड्स में बदल चुका होता है।

जनसामान्य से अपील
सभी नागरिकों से अनुरोध है कि इस अभियान में जुड़कर समाज को एड्स मुक्त बनाने में अपना योगदान दें। “एड्स के खिलाफ जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।”

कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉक्टर अभय जुगल तिर्की (एपिडिमियोलॉजिस्ट), शिशिर जायसवाल (एनटीईपी), सरोजिनी राय (डिप्टी एमआईओ), एड्स काउंसलर देवी प्रसाद सोनी, लक्ष्मीनिया काउंसलर चैताली, टीआई एंजियो आनंद कुमार और तारा मरावी ने सक्रिय भूमिका निभाई।
इसके साथ ही रजवाड़े नर्सिंग इंस्टीट्यूट और न्यू लाइफ नर्सिंग इंस्टीट्यूट के शिक्षक और छात्र-छात्राओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया।