अवैध गैस रिफ़लिंग की जांच के दौरान एसडीएम पर लठैतों ने किया हमला करने का प्रयास


भारी मात्रा में गैस सिलेंडर, कैप्सूल वाहन व रिफिलिंग का समान जब्त
दिलीप गुप्ता
सरायपाली।
अवैध धान परिवहन की जांच के लिए निकली एसडीएम पर लठैतों ने हमला करने का प्रयास किया।
चिवराकुटा के पास नवजीवन हॉस्पिटल के सामने सुनसान रास्ते में एक ट्रक को जाते देखा गया। शंका के आधार पर पीछा कर ट्रक एक गोदाम नुमा जगह पर रुकने के साथ आसपास से काफी संख्या लाठियों से लैस कुछ लोग हमला करने के उद्देश्य से एसडीएम की गाड़ी को चारों तरफ से घेर लिया। जब गाड़ी से पुलिस वाले को जब देखे तो लठैत लोग भाग खड़े हुए।
इसी समय एसडीएम द्वारा पास ही सिंघोड़ा थाना के टीआई को तत्काल सूचना देकर बुलाया गया। जांच के दौरान इस वन अधिकार योजना के तहत दिए गए पट्टे वाली जमीन पर गैस सप्लाई करने वाली 5 कैप्सूल ट्रके खड़ी थी। इन ट्रकों से गैस रिफिलिंग करने वाली मशीनों से टंकियों में भरा जा रहा था। छापामार टीम को देखते ही कुछ लोग अंधेरे का लाभ उठाते हुवे फरार हो गए। सभी ट्रकों, टंकियों वी उपकरणों को जप्त कर लिया गया।


दरम्यानी रात प्रशासन ने चिवराकुटा में अवैध रूप से चल रहे गैस सिलेंडर रिफिलिंग कारोबार का पर्दाफाश करते हुए बड़ी कार्रवाई की है। सरायपाली एसडीएम अनुपमा आनंद के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई मे प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह अवैध गतिविधि पूरी तरह से नियमों की अनदेखी करते हुए की जा रही थी। किसी भी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण आसपास के ग्रामीण इलाकों, पशुधन और वन क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा बना हुआ था।
यह भी चर्चा है कि इस पूरे मामले में संबंधित गैस एजेंसी की भूमिका हो सकती है। प्रशासन अब यह पता लगाने में जुटा है कि जिस स्थान पर अवैध रिफिलिंग की जा रही थी वह भूमि किसके नाम पर दर्ज है और इस अवैध कारोबार का संचालन कौन कर रहा था। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह भूमि वन अधिकार पट्टा के अंतर्गत दी गई थी, लेकिन नियमों का उल्लंघन कर वहां अनाधिकृत रूप से गैस रिफिलिंग का कार्य वर्षों से किया जा रहा था।


मामले के खुलासे के बाद दर्जनों सवाल है जिसका जवाब विभिन्न विभागों के अधिकारी भी ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। जिनमें इस प्रकार अनुविभाग स्तर के अधिकारी को लठैतों द्वारा घेरने वाले लोग कौन थे, किसके कहने पर उन्होंने यह कृत्य किए जाने की हिम्मत की । गैस सिलेंडर का अनाधिकृत रिफिलिंग करने वाले अज्ञात लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कब होगी ? क्या इस प्रकार से अनाधिकृत रूप से गैस सिलेंडर की रिफिलिंग का कारोबार पहले से चल रहा था तो इस पर खाद्य विभाग या पुलिस की नजर क्यों नहीं पड़ी, जिस वन पट्टे की भूमि में यह अनाधिकृत कारोबार हो रहा था तो वन विभाग के मातहतों और फील्ड वन कर्मचारियों को इसकी भनक तक क्यों नहीं लगी? वन भूमि अधिकार पट्टे के शर्तों के उल्लंघन पर क्या कार्रवाई होगी? यदि जिस वन भूमि क्षेत्र में जहां अनाधिकृत रूप से गैस रिफिलिंग का कार्य किया जा रहा था वहां कोई गंभीर आगजनी हो जाती तो इससे संभावित जन, पशु और वन संपत्तियों के हानि पर क्या कार्रवाई होती?
जिस वन भूमि में यह अनाधिकृत कारोबार हो रहा था वहां बाकायदा गेट लगाकर निजी सुरक्षा कर्मी अनजान लोगों को भीतर जाने से रोकते रहे हैं इन सभी सवालों के जवाब जब तक नहीं मिल जाते तब तक मामले का पूरा खुलासा नहीं होगा।

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