बलरामपुर। जिले में शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। शासकीय प्राथमिक शाला धनजरा, विकासखंड वाड्रफनगर में पदस्थ सहायक शिक्षक सुनील कुमार पटेल पर गंभीर आरोप साबित होने के बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पूर्व स्थानीय समाचार माध्यमों में “गुरूजी को हाजरी करने का वेतन मिलता है, बच्चों के भविष्य के साथ किया जा रहा है खेलवाड़” शीर्षक से एक खबर प्रकाशित हुई थी। इस खबर के आधार पर शिक्षा विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए थे।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी वाड्रफनगर द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में पाया गया कि सहायक शिक्षक सुनील कुमार पटेल अपने कार्यों के प्रति अत्यंत लापरवाह और गैरजिम्मेदार हैं। जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि विद्यालय में बच्चों का शैक्षणिक स्तर काफी कमजोर है और शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि शिक्षक ने अपने पदीय दायित्वों की घोर अवहेलना की है और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 1, 2 और 3 का उल्लंघन किया है।
इन तथ्यों के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी एम.आर. यादव ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम-9(क) के तहत सुनील कुमार पटेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी, रामचंद्रपुर में निर्धारित किया गया है। इस दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और अनुशासन बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। किसी भी शिक्षक द्वारा लापरवाही या गैर-जिम्मेदारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि धनजरा प्राथमिक शाला में लंबे समय से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी और कई अभिभावकों ने शिकायत की थी कि शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंचते और बच्चों पर ध्यान नहीं देते। मीडिया में मामला सामने आने के बाद विभाग को कार्रवाई करनी पड़ी।