Arthritis पुरुषों की तुलना में महिलाओं को क्यों ज्यादा परेशाान करता है गठिया, आइये जानें
Arthritis आर्थराइटिस की वजह से जोड़ों में दर्द बना रहता है. ये ऐसी समस्या है जो काफी परेशान करती है. पुरुषों की तुलना में आर्थराइटिस महिलाओं के लिए ज्यादा जोखिम भरा होता है. महिलाओं को अक्सर अलग-अलग जॉइंट्स पेन भी होता है. उनके जोड़ों में अक्सर दर्द बना रहता है. जिससे वे परेशान रहते हैं. आइए जानते हैं आखिर पुरुषों की बजाय महिलाओं को आर्थराइटिस ज्यादा क्यों परेशान करती है…
Arthritis महिलाओं में आर्थराइटिस क्यों होता है
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आर्थराइटिस की वजह से जोड़ों में सूजन और दर्द होता है. इसका सबसे बड़ा कारण बढ़ती उम्र भी है. आर्थराइटिस के 100 से ज्यादा अलग-अलग प्रकार हो सकते हैं. इन सभी के अपने जोखिम कारण और लक्षण हो सकते हैं. महिलाएं ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटीइड आर्थराइटिस से सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं. ज्यादातर पुरुष 55 साल की उम्र से पहले गठिया से परेशान होते हैं, जबकि महिलाएं तेजी से इसकी चपेट में आती हैं. उनकी संख्या पुरुषों से काफी ज्यादा होती है. गठिया से पीडि़त महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा दर्द सहती हैं.
महिलाओं में आर्थराइटिस बढऩे के 5 कारण
Arthritis चौड़े हिप्स
डॉक्टर के मुताबिक, महिलाओं के टेंडन ज्यादा घूमते हैं. चाइल्ड डेलिवरी को एकोमोडेट करने वे ज्यादा फ्लैक्सिबल होते हैं. इससे चोट लगने की आशंका ज्यादा होती है. इसके अलावा महिलाओं के चौड़े कूल्हे घुटनों के एलाइन को ऐसे प्रभावित करते हैं कि कुछ तरह की चोट के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं. ये भविष्य में गठिया का कारण बनता है.
Arthritis हार्मोन में बदलाव
हार्मोन इसमें अहम रोल निभाते हैं. एस्ट्रोजन सूजन को कंट्रोल करने में मदद करते हैं. यही कारण है कि कम उम्र की महिलाओं में पुरुषों की तुलना में आर्थराइटिस कम होता है. मेनोपॉज के साथ जब यह स्तर कम होता है तो गठिया हो जाता है.
Arthritis ज्यादा वजन
डॉक्टर के मुताबिक, अधिक वजन होने से भी आर्थराइटिस का जोखिम ज्यादा रहता है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं में मोटापा ज्यादा होता है. एक्स्ट्रा वेट जॉइंट पर दबाव डालता है, जिससे कार्टिलेज नष्ट हो जाता है. इसलिए गठिया का रिस्क बढ़ जाता है. बता दें कि शरीर के वजन का एक पाउंड हर एक घुटने के जोड़ पर तीन एक्स्ट्रा पाउंड दबाव में बदलता है. इसके साथ ही जीन भी इसके लिए जिम्मेदार हैं.
Arthritis एग्रेसिव इम्यून सिस्टम
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ज्यादा आक्रामक इम्यून सिस्टम की वजह से भी महिलाओं में रुमेटीइड गठिया का खतरा बढ़ जाता है. रुमेटीइड गठिया ऑस्टियोआर्थराइटिस से अलग होता है और सूजन एख तरह का ऑटोइम्यून रिएक्शन है. यह जोड़ों पर टूट-फूट से जुड़ा है. पुरुषों के मुकाबले तीन गुना ज्यादा महिलाओं को रुमेटीइड गठिया हो सकता है. इसमें ऑस्टियोआर्थराइटिस की तरह ही काफी दर्द होता है.
Arthritis ऑटोइम्यून बीमारियां
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हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ऑटोइम्यून बीमारियां ज्यादा होती हैं. ऐसा माना जाता है कि महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत तो होती है लेकिन ज्यादा प्रतिक्रियाशील होने के चलते हार्मोन रुमेटीइड गठिया का रिस्क बढ़ाते हैं.