टोल प्लाजा कर्मचारियों की मनमानी उजागर

छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में टोल प्लाजा कर्मचारियों की मनमानी का गंभीर मामला सामने आया है। टोल प्लाजा संचालकों द्वारा कमाई बढ़ाने के उद्देश्य से गांव के बीच से गुजरने वाली सड़क को लोहे का खंभा गाड़कर अवरुद्ध कर दिया गया, जिससे स्थानीय लोगों को मजबूरी में टोल प्लाजा से होकर गुजरना पड़े।

मामले की जानकारी मिलते ही कलेक्टर ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि इस तरह की मनमानी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने तत्काल अपर कलेक्टर, तहसीलदार और लोक निर्माण विभाग (PWD) की टीम को मौके पर भेजा। प्रशासन की कार्रवाई के बाद सड़क से खंभा हटवाकर मार्ग को फिर से सुचारू कर दिया गया।

एक साल से संचालित है टोल प्लाजा

जानकारी के अनुसार सक्ती से बाराद्वार मुख्य मार्ग (NH-49) पर ग्राम जेठा में पिछले लगभग एक वर्ष से टोल प्लाजा संचालित हो रहा है। इसी मार्ग से होकर एसपी कार्यालय, जिला पंचायत कार्यालय और कलेक्टर कार्यालय भी जुड़े हुए हैं। ऐसे में लोगों को इन शासकीय कार्यालयों तक पहुंचने के लिए टोल प्लाजा से गुजरना पड़ता है, जिससे उन्हें अनावश्यक आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा था।

बाईपास सड़क को जानबूझकर किया गया बंद

टोल प्लाजा के पास से कलेक्टर कार्यालय के चारों ओर बनी एक बाईपास सड़क गुजरती है, जिसका उपयोग स्थानीय लोग शासकीय कार्यालयों तक पहुंचने के लिए करते थे। इससे उन्हें टोल टैक्स देने से राहत मिलती थी। लेकिन टोल प्लाजा कर्मचारियों को इस रास्ते से नुकसान होता दिखा और उन्होंने नियम-कानून की अनदेखी करते हुए सड़क पर लोहे के खंभे गाड़कर रास्ता बंद कर दिया।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि ऐसा जानबूझकर किया गया ताकि आम नागरिकों को मजबूरी में टोल नाका पार करना पड़े और उनसे शुल्क वसूला जा सके।

पहले भी हो चुकी है ऐसी हरकत

यह पहला मौका नहीं है जब टोल प्लाजा कर्मचारियों की ऐसी मनमानी सामने आई हो। इससे पहले भी इस ग्रामीण सड़क पर कर्मचारियों को बैठाकर चारपहिया वाहन चालकों से अवैध वसूली और धमकी देने के आरोप लगे थे। उस समय मीडिया के हस्तक्षेप के बाद प्रशासन ने कार्रवाई कर अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई थी।

पीडब्ल्यूडी ने भेजा नोटिस, होगी कार्रवाई

मौके पर पहुंचे लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बिना अनुमति पीडब्ल्यूडी की सड़क को खोदा और अवरुद्ध किया गया है। इस मामले में टोल प्लाजा संचालक को नोटिस जारी कर वैधानिक कार्रवाई और वसूली की जाएगी।

राजनीतिक संरक्षण के आरोप

इस पूरे मामले में कुछ जनप्रतिनिधियों और राजधानी के एक बड़े नेता के संरक्षण की भी चर्चा सामने आ रही है। आरोप है कि राजनीतिक दबाव के चलते टोल प्लाजा संचालक खुलेआम नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, जिससे आम जनता को परेशान होना पड़ रहा है।

हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद कार्रवाई लंबित

गौरतलब है कि करीब एक माह पहले बिलासपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के सक्ती दौरे के दौरान इस टोल प्लाजा को हटाने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद कलेक्टर ने भी एनएच अथॉरिटी को पत्र लिखकर टोल प्लाजा हटाने की अनुशंसा की थी। हालांकि राजनीतिक दबाव के चलते फिलहाल इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है।

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