Antibiotic एंटीबायोटिक दवाएं स्वास्थ्य के लिए है खतरा
Antibiotic सर्दी-खांसी से लेकर कई ऐसी छोटी-छोटी समस्याएं हैं, जिनसे तुरंत आराम पाने के चक्कर में ज्यादातर लोग डॉक्टरी सलाह के बिना ही धड़ल्ले से एंटीबायोटिक्स दवाओं का सेवन करने लगते हैं। यह पूरी तरह से गलत है। हर किसी को पता होना चाहिए कि एंटीबायोटिक्स एक एंटी-बैक्टीरियल पदार्थ है, जो बैक्टीरिया के खिलाफ सक्रिय होता है।बिना चिकित्सक के परामर्श के इनका इस्तेमाल परेशानी पैदा सकता है। आइए जानते हैं कि एंटीबायोटिक्स का अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरा कैसे है।
Antibiotic एंटीबायोटिक्स क्यों हैं खतरनाक?
एंटीबायोटिक्स खतरनाक नहीं है, लेकिन जानकारी के अभाव में इसे आम दवा समझकर-धड़ल्ले से खाना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। एंटीबायोटिक्स दवाइयां बाजार में आसानी से उपलब्ध होती हैं और केमिस्ट भी बिना किसी डॉक्टर की पर्ची के इन्हें बेच देते हैं। कई झोलाझाप डॉक्टर सामान्य सर्दी-जुकाम के लिए भी एंटीबायोटिक्स लिख देते हैं। इससे भविष्य में बड़ा खतरा हो सकता है। ऐसे में हमेशा अपनी समस्याओं के इलाज के लिए अनुभवी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
Antibiotic सामान्य सर्दी-खांसी में एंटीबायोटिक्स लेने से बचना चाहिए, क्योंकि ये वायरल संक्रमण है।
इन समस्याओं के लिए एंटीबायोटिक्स देता है तो उनसे यह जरूर पूछें कि क्या सच में आपको एंटीबायोटिक्स की जरूरत है? उन्होंने आगे बताया कि टॉन्सिल, बलगम वाली खांसी, किडनी संक्रमण या यौन संक्रमण आदि बैक्टीरियल संक्रमण होने पर डॉक्टर्स के लिए एंटीबायोटिक्स देना जरूरी हो जाता है।
Antibiotic किन एंटीबायोटिक का होता है सबसे अधिक इस्तेमाल?
सिप्लॉक्स टीजेड, नॉरफ्लोक्स, एमोक्सिसिलिन और एजिथ्रोमाइसिन नामक एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। इनका आवश्यकता से अधिक इस्तेमाल करना लोगों के शरीर को आगे चलकर काफी प्रभावित कर सकता है।
Antibiotic एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल सिर्फ डॉक्टर की सलाह से ही क्यों करना चाहिए?
हर तरह के संक्रमण के लिए अलग-अलग एंटीबायोटिक्स की जरूरत होती है। यदि आप बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी एंटीबायोटिक दवा का सेवन करने लगते हैं तो आपका शरीर उसके साथ संयोजना बैठा लेगा और जब आपको उसकी जरूरत होगी तो वह काम नहीं करेगी। दरअसल, एंटीबायोटिक्स लेने से सभी बैक्टीरिया नहीं मरते और जो बच जाते हैं, उन्हें उस एंटीबायोटिक्स से मारना असंभव हो जाता है और यहीं एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट बैक्टीरिया कहलाते हैं।
Antibiotic साल 2019 में हुई 12 लाख से अधिक मौतें
एक अध्ययन के अनुसार, साल 2019 में दुनियाभर में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण 12.70 करोड़ से अधिक लोगों की मौत हुई हैं। ग्लोबल रिसर्च ऑन एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस रिपोर्ट में दुनिया के 204 देशों और क्षेत्रों में एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस के प्रभाव का अनुमान लगाने के लिए सांख्यिकीय मॉडलिंग का उपयोग किया गया था। इस अध्ययन से स्पष्ट है कि आवश्यकता से अधिक एंटीबायोटिक का इस्तेमाल मौत का कारण भी बन सकता है।
Antibiotic 2019 में भारत में 47 प्रतिशत से अधिक एंटीबायोटिक फॉर्मूलेशन अस्वीकृत- अध्ययन
एक अध्ययन के अनुसार, साल 2019 में भारत के निजी क्षेत्र में इस्तेमाल किए गए 47 प्रतिशत से अधिक एंटीबायोटिक फॉर्मूलेशन को केंद्रीय दवा नियामक से स्वीकृति ही नहीं मिली है। 2022 में हुए इस शोध में पाया गया कि एजिथ्रोमाइसिन 500 एमजी टैबलेट भारत में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला एंटीबायोटिक फॉर्मूलेशन (7.6 प्रतिशत) था। इसके बाद सेफिक्साइम 200 मिलीग्राम टैबलेट की खपत 6.5 प्रतिशत रही है।
Antibiotic एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट बैक्टीरिया से सुरक्षित रहने के लिए क्या करें?
हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद एंटीबायोटिक्स लें। अगर आपका एंटीबायोटिक्स का कोर्स पूरा होने के बाद इसकी गोलियां बच जाती हैं तो उन्हें कचरे में फेंक दें, क्योंकि जरूरी नहीं है कि अगली बार अन्य किसी बीमार के इलाज में वही एंटीबायोटिक्स असर करे। किसी दूसरे मरीज को डॉक्टर द्वारा लिखी एंटीबायोटिक का कभी भी खुद इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, भले ही उसकी बीमारी के लक्षण आपसे मिलते-जुलते ही क्यों न हों। इसी तरह हाइजीन का ध्यान रखना चाहिए।