राजकुमार मल
Animal Food : स्वच्छता और शुद्धता पर मवेशी पालकों का सवाल
Animal Food : भाटापारा- शुद्धता संदेह के घेरे में। स्वच्छता शून्य। कौन करेगा खुले में बेचे जा रहे पशु आहार की जांच ? सवाल इसलिए मवेशी पालक उठा रहे हैं क्योंकि यह आहार मवेशियों की सेहत खराब कर रहीं है।
मानव आहार की जांच तो हर साल होती है लेकिन पशु आहार की जांच जिले में अब तक होती नहीं देखी गई। यही वजह है कि घुन लगा और सेट हो चुके पशु आहार को बेचा जा रहा है। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की सहभागिता की भी खबरें आने लगी हैं।
इसलिए सवाल
Animal Food : पाॅलिश कोढ़ा, दलहन पाउडर, दलिया। घुन और फफूंद लगे हुए मिल रहे हैं। सेट हो जाने की शिकायतें भी आ रही हैं। पैक्ड प्रोडक्ट की गुणवत्ता तो फिलहाल सही होने की जानकारियां हैं लेकिन खुले में बेचे जा रहे पशु आहार की सघन जांच को आवश्यक मान रहे हैं ग्वाले क्योंकि मवेशियों में सेवन से स्वास्थ्यगत परेशानियां सामने आने लगीं हैं। लेकिन कार्रवाई नहीं होता देखकर, अब हरा चारा की मात्रा बढ़ाई जा रही है।
भंडारण और विपणन सही नहीं
Animal Food : पशु आहार उत्पादन करने वाली स्थानीय इकाइयां और विक्रय करने वाली संस्थानें, उत्पादन, भंडारण, परिवहन और विपणन को लेकर जैसी लापरवाही दिखा रहीं हैं, उससे पशु आहार की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। लिहाजा जांच के दौरान इस प्रक्रिया पर भी नजर रखा जाना आवश्यक माना जा रहा है। परिवहन के दौरान भी ऐसी ही लापरवाही दिखाई जा रही है।
स्वच्छता नहीं
इकाइयां और पशु आहार विक्रय करने वाली संस्थानें। स्वच्छता को लेकर जैसा रूख बनाए हुए हैं, उससे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि अस्वच्छ माहौल में गुणवत्ता कैसे बनी रहेगी ? हद तो तब, जब कालातीत अवधि के करीब हो चुकी सामग्री भी कम कीमत में बेच दी जा रही है। बारिश का मौसम है। ऐसे में यह काम खूब किया जा रहा है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार

Animal Food :
पशु आहार की जांच का अधिकार हमें नहीं है।
– डॉ एन.के.सिंह, उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं, बलौदा बाजार
फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट सक्षम है। नियमत: जांच उन्हें करनी है।
– विमल दुबे, जिला खाद्य अधिकारी, बलौदा बाजार
पशु आहार में इस तरह की शिकायतें नहीं आनी चाहिए। चेक करवाएंगे।
– नितिन तिवारी, एसडीएम, भाटापारा