Ambikapur News : अधिकार के साथ कर्तव्य भी है…
Ambikapur News : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बिकापुर 13:022023 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बिकापुर के सचिव अमित जिंदल
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Ambikapur News : के निर्देश पर पी. एल.बी. पुष्यमित्र मलतियार ने बिशुनपुर में विधिक सहायता शिविर का आयोजन कर उपस्थित लोगो को बताया कि संविधान में नागरिको को अनेक मूल अधिकार दिये गये हैं जिनके साथ अनेक मूल कर्तव्य भी हैं भारतीय संविधान में 42 वे संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा अध्याय 4 क भारतीय संविधान में जोड़ा
गया जिसमे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51-a जोड़ा गया जिसके तहत नागरिको के लिये अनेक मूल कर्तव्य बताये गये जिसमें से पहला कर्तव्य यह है कि प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह संविधान का पालन करे तथा उसके आदर्शों, संस्थाओ, राष्ट्र ध्वज तथा राष्ट्रगान का आदर करे। पी.एल.वी. पुष्यमित्र मलतियार ने बताया कि यद्वपि
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माननीय उच्चतम न्यायालय ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वच्छ पर्यावरण को नागरिको का मूल अधिकार माना है परन्तु यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51-a (g) के तहत प्रत्येक नागरिक का यह मूल कर्तव्य है। कि वह प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करे तथा यद्वपि भारतीय संविधान के अनुच्छेद
21 के तहत छः वर्ष से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का मूल अधिकार है। परन्तु यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51-a (k) के तहत प्रत्येक माता-पिता तथा संरक्षक का यह मूल कर्तव्य है कि वह छः वर्ष से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान
करे। इसी प्रकार जहा राज्य का यह दायित्व है कि वह प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा प्रदान करे परन्तु यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51a (i) के तहत प्रत्येक नागरिक का यह भी मूल कर्तव्य है कि वह सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिसा से दूर रहे तथा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51-a (h) के
तहत प्रत्येक नागरिक का यह भी मूल कर्तव्य है कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे माननीय उच्चतम न्यायालय के न्यायदृष्टातं अखिल भारतीय आर्यु विज्ञान संस्थान विरूद्ध भारत संघ ए.आई.आर 2001 एस.सी. 3262 में भारतीय संविधान के
अनुच्छेद 51-a (h) की व्याख्या करते हुये कहा कि globliazation के इस युग में जहां देश को पूरे विश्व के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होती है वहां श्रेष्ठता को नकारा नही जाना चाहिये