Amarnath : अमरनाथ की गुफा से जुड़े ये रहस्य आज भी चौंका देते है…
Amarnath : तीर्थों का तीर्थ कही जाने वाली अमरनाथ गुफा जाने और बाबा बर्फानी के दर्शन करने का सपना सभी शिव भक्त देखते हैं. इस साल की अमरनाथ यात्रा कल 1 जुलाई 2023 से शुरू होने वाली है.
https://jandhara24.com/news/164586/upcoming-streaming-series-adhoora/
Amarnath : अमरनाथ गुफा का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. यहां से जुड़े चमत्कार आज भी लोगों को चौंकाते हैं. हर साल बड़ी संख्या में महादेव के भक्त उनकी एक झलक पाने के लिए लंबी और कठिन यात्राएं करके
पहुंचते हैं. अमरनाथ गुफा में हर साल करीब 10 से 12 फीट ऊंचा बर्फ का शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बनता है. आइए आज श्रीनगर से 141 किलोमीटर की दूरी पर 3888 मीटर यानी 12756 फुट की ऊंचाई पर अमरनाथ गुफा और इस तीर्थ यात्रा से जुड़े रोचक तथ्य जानते हैं.
बर्फ का एकमात्र शिवलिंग: कश्मीर में कई तीर्थ हैं, लेकिन इनमें अमरनाथ धाम का अलग ही महत्व है. कहा जाता है जो व्यक्ति काशी में शिवलिंग के दर्शन और पूजा करता है उसे 10 गुना फल प्राप्त होता है.
परंतु अमरनाथ बाबा के दर्शन करने प्रयाग से 100 गुना और नैमिषारण्य से हजार गुना पुण्य मिलता है. बर्फ से बनने वाला यह शिवलिंग दुनिया का एकमात्र ऐसा शिवलिंग है, जो हर साल बनता है और एक ही जगह पर बनता है.
धर्म-शास्त्रों में एक ऐसी गुफा का वर्णन है जहां भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का ज्ञान दिया था. माना जाता है कि धर्म-शास्त्रों में जिस तरह की गुफा का वर्णन है अमरनाथ गुफा वैसी ही है.
इतना ही नहीं बर्फानी बाबा की ऊंचाई चंद्रमा के आकार की तरह घटती और बढ़ती रहती है. यानी कि जब पूर्णिमा होती है तो शिवलिंग अपने पूरे आकार में होता है. वहीं अमावस्या के दिन शिवलिंग की माना
जाता है कि अमरनाथ गुफा की खोज बुट्टा मलिक नाम के गडरिया ने की थी. भेड़ चराने के लिए निकले बुट्टा मलिक जब काफी दूर पहुंच गए थे तो रास्ते में उसे एक साधु मिला जिसने उसे कोयले से भरा एक
थैला दिया. घर जाकर बुट्टा मलिक ने जब उस थैले को देखा तो हैरान रह गया क्योंकि कोयला बदलकर सोना हो गया था. बुट्टा मलिक जब उस साधु की खोज में निकला तब उसे अमरनाथ गुफा दिखाई दी
लेकिन वहां साधु नहीं था. तभी से यह स्थान तीर्थ स्थान के रूप में प्रचलित हुआ.