बिलासपुर। पूर्व मंत्री व वरिष्ठ भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कांग्रेस पर आदिवासियों की अनदेखी और पार्टी संगठन निर्माण को लेकर जोरदार हमला बोला। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस पर आदिवासियों के अपमान का आरोप लगाते हुए कहा कि बघेल ने एक बार टिप्पणी की थी कि सभी आदिवासी अरविंद नेताम जैसे होने चाहिए। मोहन मरकाम प्रदेश अध्यक्ष रहने के बावजूद केवल 23 दिनों के मंत्री बने। दीपक बैज को भी पार्टी नेता काम करने नहीं देते, वे महज प्रवक्ता हैं। बैज का अधिकांश समय चरणदास महंत, बाबा सिद्दीक या भूपेश बघेल को मनाने में व्यतीत होता है।
चंद्राकर ने रविंद्र चौबे को ‘सदी का सबसे बड़ा चारण’ बताते हुए कहा कि उन्होंने बघेल के इशारे पर ही आदिवासियों का अपमान किया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी इतिहास को कभी सामने लाया? कांग्रेस का इतिहास तो एक परिवार का इतिहास है, जहां शुक्ला बंधुओं के अलावा किसी ने आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी। उन्होंने केंद्र की पहल का जिक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी संग्रहालय मोदी जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जो आदिवासी गौरव, साहित्य, संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम के योगदान को चित्रित करेगा।
संगठन सृजन पर कटाक्ष
कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान पर चंद्राकर ने व्यंग्य कसा कि पहले तो संगठन था ही नहीं क्या, जो अब बनाने की जरूरत पड़ी? जांजगीर में एनएसयूआई जिला अध्यक्ष डकैती की योजना बनाते पकड़ा गया। ऐसे चरित्र कांग्रेस के ‘ताज के नगीनों’ हैं। वहां चोर-डकैत भरे पड़े हैं, उनकी संपत्ति ही हैं।
सिंहदेव की CM हसरत पर तंज
टीएस सिंहदेव की मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा पर चंद्राकर ने कहा कि यदि इतनी हसरत है तो विष्णुदेव साय की कुर्सी पर एक दिन के लिए बिठाकर सम्मानित कर देंगे। हसरत लेकर ऊपर न जाएं, यहीं पूरी कर लें। सिंहदेव खुद कह चुके हैं कि फिफ्टी-फिफ्टी का धोखा हुआ। यदि राजशाही का थोड़ा हिस्सा बेच देते तो शायद सीएम बन जाते। उन्होंने कांग्रेस के आंतरिक कलह का जिक्र करते हुए कहा कि बघेल के खास विधायक बाबा