Agricultural production : कम पानी में अधिक उत्पादन के साथ जल्द तैयार होने वाले फसलों पर जोर

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Agricultural production : राज्य की फसल सघनता एवं फसल विविधीकरण पर कार्यशाला सम्पन्न

 

Agricultural production : रायपुर !   कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ कमलप्रीत सिंह की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में छत्तीसगढ़ और ओडिशा के मध्य महानदी जल बटवारे के विवाद के समाधान के लिए गठित महानदी वाटर डिस्प्युट ट्रिब्युनल के परिपेक्ष्य में बैठक आयोजित की गई। बैठक में राज्य की फसल सघनता एवं फसल विविधीकरण हेतु वर्ष 2050 तक का योजना बनाने पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।

कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने कहा कि जलवायु में आ रहे विषम बदलावों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में फसल विविधीकरण और कम पानी में जल्द तैयार होने वाली फसलों तथा अधिक उत्पादन देने वाली फसलों की किस्मों का चुनाव करने पर जोर दिया, ताकि किसान उत्तर पूर्वी राज्यों के समान छत्तीसगढ़ में भी वर्ष में तीन फसलों का उत्पादन कर सकें।

Agricultural production : जल संसाधन विभाग के सचिव  पी. अन्बलगन ने महानदी जल विवाद के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने ट्रिब्यूनल के समक्ष छत्तीसगढ़ शासन का पक्ष मजबूती से रखने के साथ-साथ कृषि, जल संसाधन और राजस्व विभाग को संयुक्त डाटाबेस तैयार करने का सुझाव दिया।

कार्यशाला में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. ए.एल. राठौर ने महानदी जल विवाद के संदर्भ में कहा कि भविष्य में राज्य में जल एवं खाद्यान्न की मांग के अनुरूप प्रति इकाई फसल उत्पादकता एवं फसल सघनता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

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कार्यशाला में महानदी जल विवाद, राज्य सरकार के सलाहकार डॉ बापुजी राव, केन्द्रीय भू-जल बोर्ड (उत्तर मध्य छत्तीसगढ़), रायपुर के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. प्रबीर कुमार राय, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. विवेक त्रिपाठी सहित अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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