फरीदाबाद। दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के निकट 10 नवंबर शाम हुए कार बम विस्फोट के बाद फरीदाबाद पुलिस ने धौज गांव, फतेहपुर टागा गांव और अल-फलाह यूनिवर्सिटी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। एक हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की टीमें स्थानीय थानों, क्राइम ब्रांच और रिजर्व पुलिस के साथ संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं।
यह ऑपरेशन दिल्ली धमाके के फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जुड़े तारों की जांच का हिस्सा है। सुबह से चले जॉइंट ऑपरेशन में धौज गांव से 360 किलोग्राम और फतेहपुर टागा से 2563 किलोग्राम संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट सहित कुल 2900 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी। इसमें एके-47 राइफल, पिस्तौल, 20 टाइमर, वॉकी-टॉकी और भारी गोला-बारूद शामिल हैं।
मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़ा व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क है, जिसमें रेडिकलाइज्ड डॉक्टर और प्रोफेशनल्स शामिल हैं। अब तक आठ गिरफ्तारियां हुईं, जिनमें अल-फलाह यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मुजम्मिल अहमद गनी, पुलवामा के डॉ. आदिल अहमद राथर और लखनऊ की डॉ. शाहीन शाहिद प्रमुख हैं। धौज और फतेहपुर टागा के किराए के मकान डॉ. मुजम्मिल ने मौलाना इश्तियाक से लिए थे।
दिल्ली धमाके का मुख्य संदिग्ध फरार डॉ. उमर मोहम्मद इसी मॉड्यूल का सदस्य है, जो गिरफ्तारियों के दबाव में पैनिक होकर आत्मघाती हमला किया। कार में मिले शव का डीएनए टेस्ट जारी है। सीसीटीवी में काले मास्क वाला व्यक्ति उमर बताया जा रहा है।
ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर पुलिस की अगुवाई में 15 दिनों से चल रहा है, जिसमें श्रीनगर, अनंतनाग, फरीदाबाद और सहारनपुर में छापे मारे गए। पाकिस्तान आधारित हैंडलर्स से फंडिंग और निर्देश मिल रहे थे। दिल्ली-एनसीआर में बड़े हमलों की साजिश थी। एनआईए और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने जांच संभाली है।
सर्च ऑपरेशन में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। अतिरिक्त टीमें तैनात हैं और पूछताछ जारी है। पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया है।