AAJ KI JANDHARA : आज की जनधारा मल्टी मिडिया के प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से : चुनाव आयोग की निष्पक्षता बरकरार रहना जरुरी है

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AAJ KI JANDHARA :  आज की जनधारा मल्टी मिडिया के प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से : चुनाव आयोग की निष्पक्षता बरकरार रहना जरुरी है

 

AAJ KI JANDHARA :  जो चुनाव लड़ रहा हो या ना लड़ रहा हो, सरकारी नौकरी में हो या न हो, घर में हो या बाहर हो सबको मालूम है कि जहां-जहां चुनाव हो रहे हैं, वहां आदर्श चुनाव आचरण संहिता लागू है। जगह-जगह चेकिंग, अपराधियों की धरपकड़, सरकारी अमले में आचरण संहिता का भय और चहल-पहल से भरे दफ्तरों, मंत्री बंगलों में फैला सन्नाटा बताता है कि कुछ तो अलग हो रहा है। सब ये मानकर चल रहे हैं कि अब जो भी नया होगा चुनाव आचरण संहिता खत्म होने के बाद ही होगा।

AAJ KI JANDHARA :  सरकारी खजाना घोषणाओं, उद्घाटन आयोजनों के लिए बंद है। अब पार्टी, प्रत्याशी या उन पर दांव लगाने वाले जमा पूंजी, पार्टी फंड से बहुत सारे आयोजन कर रहे हैं। बहुत से लोग ‘जीतने वाले छोड़ो’ पर इस उम्मीद से दांव लगा रहे हैं कि अपना टाईम आयेगा तब एक का दस वसूल लेंगे। दुष्यंत कुमार का एक शेर है – खास सड़कें बंद हैं, तब से मरम्मत के लिए ये हमारे वक्त की सबसे सही पहचान है। विधानसभा चुनाव को लेकर पांच राज्यों में चुनाव आदर्श संहिता लागू है और नेतागण संहिता के कड़े प्रावधानों के बीच कुछ न कुछ ऐसा कह बोल जाते हैं, जो इस संहिता के उल्लंघन के अंतर्गत आता है। दुष्यंत कुमार का एक और शेर ऐसे नेताओं के लिए मौजू है रहनुमाओं की अदाओं पे फिदा है दुनिया इस बहकती हुई दुनिया को संभालो यारों। आज जब हमारे देश में बहुत सारी एजेंसियों की कार्यप्रणाली और निष्पक्षता पर प्रश्न चिन्ह लग रहै है।

AAJ KI JANDHARA :  ऐसे समय में देश के लोकतंत्र को बचाए रखने में अहम भूमिका निभाने वाली संस्था चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और निष्पक्षता बरकरार रहना जरुरी है। ऐसा नहीं है की चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर पहले सवाल न उठे हों, किन्तु आयोग ने अपने कामकाज पारदर्शिता से अपनी विश्वसनीयता बनाये रखी है। चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा को कारण बताओ नोटिस जारी किया।

AAJ KI JANDHARA :  वहीं, चुनाव आयोग ने बीजेपी से कहा कि वह चुनावी राज्यों में अपनी विकसित भारत संकल्प यात्रा न निकाले। प्रियंका गांधी को राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। दरअसल, बीजेपी ने चुनाव आयोग को एक शिकायत सौंपी थी, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने झूठे आरोप लगाए हैं। वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को छत्तीसगढ़ के मंत्री मोहम्मद अकबर पर टिप्पणी करने के मामले में चुनाव आयोग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ईसी ने सरमा को 30 अक्टूबर की शाम 5 बजे तक नोटिस का जवाब देने को कहा है। असम के मुख्यमंत्री ने 18 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में विवादित भाषण दिया था। सरमा ने 18 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के कवर्धा में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अकबर निशाना साधते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

चुनाव आयोग ने केंद्र की और से निकाली जाने वाली विकसित भारत संकल्प यात्रा को 5 दिसंबर 2023 तक उन राज्यों में नहीं निकाला जाएगा, जहां आदर्श आचार संहिता लागू है। इस यात्रा का उद्घाटन 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड में करेंगे। चुनाव आयोग की यह पहल उसकी विश्वसनीयता, कार्यप्रणाली को मजबूती प्रदान कर रही है।

ज्ञातव्य है कि भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 में हुई तो यह एक सदस्य निकाय था और 15 अक्तूबर, 1989 तक इसमें केवल एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त था, 16 अक्तूबर, 1989 से 01 जनवरी, 1990 तक यह तीन सदस्यय निकाय बना 1 सितंबर, 2020 से भारत निर्वाचन आयोग में निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यरत राजीव कुमार ने 15 मई, 2022 को 25वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में अपना पदभार संभाला। भारत निर्वाचन आयोग, जिसे चुनाव आयोग के नाम से भी जाना जाता है, एक स्वायत्त संवैधानिक निकाय है जो भारत में संघ और राज्य चुनाव प्रक्रियाओं का संचालन करता है।

यह देश में लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव का संचालन करता है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी आईएएस रैंक का अधिकारी होता है, जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है तथा चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति भी राष्ट्रपति ही करता है। इनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (दोनों में से जो भी पहले हो) तक होता है। मुख्य चुनाव आयुक्त को संसद द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने की प्रक्रिया के समान ही पद से हटाया जा सकता है।

चुनाव आयोग यह निर्वाचक नामावली (Voter List ) तैयार करता है तथा मतदाता पहचान पत्र (Epic) जारी करता है। यह राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करता है उनसे संबंधित विवादों को निपटाने के साथ ही उन्हें चुनाव चिह्न आवंटित करता है। यह राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिये चुनाव में ‘आदर्श आचार संहिता’ जारी करता है, ताकि कोई अनुचित कार्य न करे या सत्ता में मौजूद लोगों द्वारा शक्तियों का दुरुपयोग न किया जाए। यह सभी राजनीतिक दलों के लिये प्रति उम्मीदवार चुनाव अभियान खर्च की सीमा निर्धारित करता है और उसकी निगरानी भी करता है। विश्वसनीयता, निष्पक्षता, पारदर्शिता, अखंडता, जवाबदेही, स्वायत्तता और कुशलता के उच्चतम स्तर के साथ चुनाव आयोजित/संचालित करता है।

मतदाता-केंद्रित और मतदाता-अनुकूल वातावरण की चुनावी प्रक्रिया में सभी पात्र नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करता है। यदि हम छत्तीसगढ़ की बात करे तो मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कगालें के अनुसार अब तक निगरानी दलों ने 32 करोड़ 75 लाख रूपए की नगदी और वस्तुएं की जब्त का है। प्रवर्तन एजेंसियों (इन्फोर्समेंट एजेंसीज) द्वारा निगरानी के दौरान 25 अक्टूबर तक की स्थिति में 25 हजार 101 लीटर अवैध शराब जब्त की गई है, जिसकी कीमत 76 लाख रूपए है।

साथ ही 2946 किलोग्राम अन्य नशीली वस्तुएं जिसकी कीमत लगभग 2 करोड़ 47 लाख रुपए है भी जब्त किया गया है। सघन जाँच अभियान के दौरान 14 करोड़ 46 लाख रूपए कीमत के 181 किलोग्राम से अधिक कीमती आभूषण तथा रत्न भी तलाशी के दौरान जब्त किया गया है। इसके अतिरिक्त अन्य सामग्रियां जिनकी कीमत 6 करोड़ 50 लाख रूपए है भी जब्त की गई हैं। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन 2023 अंतर्गत राज्य में 80 वर्ष एवं इससे अधिक आयु के वृद्धजन, 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांगता वाले दिव्यांगजनों एवं कोविड 19 संक्रमित/संदिग्ध मतदाताओं को मतदान करने हेतु डाक मतपत्र की वैकल्पिक सुविधा प्रदान की गई है।

अब इन वर्गो के ऐसे व्यक्ति जो मतदान दिवस को मतदान केंद्र में पहुंचकर वोट डालने में अपने को असमर्थ पाते हैं, वे फॉर्म 12 घ भरकर डाक मतपत्र के विकल्प का चयन कर सकते हैं। यह मतदान चुनाव ड्यूटी में लगने वाले कर्मचारियों की तरह ही होगा। कर्मचारी इन बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के वोट पहले ही कराएंगे। प्रदेश में 80 साल से ज्यादा मतदाताओं की संख्या 6 लाख 53 हजार 640 है, जबकि विकलांग मतदाताओं की संख्या 5 लाख 5 हजार 146 है। महिलाओं के लिए पिंक बूथ की सुविधा दी जाएगी जहां महिला कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।

विधानसभा निर्वाचन 2023 अंतर्गत राज्य में बूथ लेवल अधिकारियों द्वारा घर-घर सर्वे का कार्य किया जा रहा है। चुनाव आयोग समय और तकनीक के साथ कदम ताल करते हुए नये-नये प्रवधान कर रहा है ताकि मतदाता जागरूकता के साथ मतदान का प्रतिशत बढ़े। आयोग तो अपना काम कर रहा है किन्तु 5 साल तक सरकार जनप्रतिनिधियों को पानी पी-पी कर कोसने वाला पढ़ा लिखा तबका जब अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करता तो दुख होता है। अभी हमारी चुनाव प्रणाली में ‘नोटा’ का प्रवधान है।

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आने वाले समय में जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने, रिकॉल का प्रवधान भी हो जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। किन्तु इसके पहले दलबदल करके सरकारों को अस्थिर करने वाले जनप्रतिनिधियों पर कैसे लगाम लगाई जाए यह सबसे बड़ा मुद्दा है।

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