Death due to diarrhea in Bilaspur : बिलासपुर में डायरिया से महिला की मौत, शहरी क्षेत्र भी डायरिया को लेकर संवेदनशील, अब तक मिल चुके हैं 900 से ज्यादा मरीज, पांच की मौत

Death due to diarrhea in Bilaspur :

Death due to diarrhea in Bilaspur :  बिलासपुर में डायरिया से महिला की मौत, शहरी क्षेत्र भी डायरिया को लेकर संवेदनशील

Death due to diarrhea in Bilaspur :  बिलासपुर।डायरिया को लेकर जिले में हाई अलर्ट चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय है। यहां सर्वे और जांच शिविर लगाकर डायरिया के मरीजों की पहचान की जा रही है और उनके उपचार की व्यवस्था की जा रही है। वहीं प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक दवाओं को वितरण करने के साथ साफ पानी के लिए जागरूक किया जा रहा है। इन कोशिशों के बाद भी डायरिया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है।सिम्स में दो दिन पहले तिफरा क्षेत्र में रहने वाली 36 वर्षीय सुनिता को भर्ती कराया गया था। यहां बताया गया कि महिला को लगातार उल्टी, दस्त हो रहा है। इसकी वजह से उसकी हालत गंभीर हो गई है। ऐसे में महिला को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। महिला हालत में सुधार नहीं हुआ और मंगलवार की सुबह उपचार के दौरान मौत हो गई। डाक्टरों के मुताबिक डायरिया के सभी लक्षण थे। अभी सिम्स में डायरिया के आधा दर्जन से ज्यादा मरीज भर्ती हैं, जिनका उपचार किया जा रहा है। इनमें से तीन की हालत गंभीर बनी हुई है।

अब तक मिल चुके हैं 900 से ज्यादा मरीज, पांच की मौत

जिले के लगभग सभी क्षेत्रों से डायरिया के मरीज मिल रहे हैं। सबसे ज्यादा मरीज रतनपुर से मिले हैं। यहां से तीन सप्ताह के भीतर ही 600 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। वही अन्य क्षेत्रों में 300 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। इधर अब शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से रोजाना डायरिया के मरीज मिल रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में शहरी क्षेत्र को डायरिया के लिए बेहद संवेदनशील बताया जा रहा है।

तमाम कोशिश के बाद भी नहीं थम रहा प्रकोप

Death due to diarrhea in Bilaspur : डायरिया को लेकर जिले में हाई अलर्ट चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय है। यहां सर्वे और जांच शिविर लगाकर डायरिया के मरीजों की पहचान की जा रही है और उनके उपचार की व्यवस्था की जा रही है। वहीं प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक दवाओं को वितरण करने के साथ साफ पानी के लिए जागरूक किया जा रहा है। इन कोशिशों के बाद भी डायरिया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है।