रायगढ़। तमनार विकासखंड में जिंदल उद्योग को आवंटित गारे पेलमा सेक्टर-1 कोयला खदान की जनसुनवाई को लेकर उपजे विवाद में कंपनी ने बड़ा कदम उठाया है। जिंदल पावर लिमिटेड ने 8 दिसंबर को आयोजित जनसुनवाई को निरस्त करने का औपचारिक आवेदन कर दिया है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक प्रदिप्ता कुमार मिश्रा ने मीडिया को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने प्रशासन को लिखे पत्र की प्रति साझा करते हुए बताया कि स्थानीय जनभावनाओं का सम्मान करते हुए जनसुनवाई के आवेदन को वापस लेने का निर्णय लिया गया है।
पत्र में कंपनी ने उल्लेख किया है कि 8 दिसंबर की जनसुनवाई के विरोध में क्षेत्र के ग्रामवासियों द्वारा 12 दिसंबर से लगातार धरना-प्रदर्शन किया जा रहा था। स्थिति 27 दिसंबर को उस समय बिगड़ी जब धरना स्थल के निकट हिंसक झड़प, पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं। इस दौरान पुलिस कर्मियों तथा कंपनी कर्मचारियों पर हमला किया गया, जिसमें कई लोग घायल हुए। साथ ही कोल हैंडलिंग प्लांट में आगजनी से कंपनी को भारी आर्थिक क्षति हुई।
हिंसा के बाद रायगढ़ कलेक्टर ने भी जनसुनवाई निरस्त करने संबंधी पत्र जारी किया था। इसके बाद जिंदल प्रबंधन ने परिस्थितियों की गंभीरता को देखते हुए स्वेच्छा से आवेदन वापस लेने का फैसला किया।
प्रदिप्ता कुमार मिश्रा ने कहा कि जिंदल समूह सदैव जनभावनाओं का सम्मान करता रहा है। वर्तमान हालात को ध्यान में रखते हुए जनसुनवाई का आवेदन वापस लिया गया है। ग्रामवासियों का समर्थन प्राप्त होने तक इस दिशा में कोई आगे की कार्रवाई नहीं की जाएगी।
तमनार क्षेत्र में अभी भी तनाव बना हुआ है और एहतियात के तौर पर भारी पुलिस बल तैनात है। प्रशासन ग्रामीण प्रतिनिधियों से संवाद कर स्थिति सामान्य बनाने के प्रयास कर रहा है।
इस घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कड़ा संज्ञान लेते हुए विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि उपद्रवियों तथा लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों सहित सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।