रायपुर। नवा रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ संवाद ऑडिटोरियम में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उप मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने पिछले दो वर्षों में विभाग द्वारा किए गए प्रमुख कार्यों और आगामी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।

अरुण साव ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत राज्य में डोर-टू-डोर सर्वेक्षण कार्य तेजी से चल रहा है। योजना के अंतर्गत कुल 1.32 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें:
- बीएलसी (BLC) अंतर्गत 1 लाख आवास,
- एएचएपी (AHP) अंतर्गत 27 हजार आवास,
- रेंटल हाउसिंग के तहत 5 हजार आवास शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि अब तक योजना के तहत 24,188 आवास स्वीकृत हो चुके हैं। इनमें से 10 आवास पूर्ण हो गए हैं तथा 5,351 आवासों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। मंत्री ने कहा कि मार्च 2026 तक 50 हजार मकान स्वीकृत करने का लक्ष्य है। नगरीय निकायों को आवास निर्माण हेतु अब तक 129 करोड़ 6 लाख रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।
अरुण साव ने नगरीय प्रशासन की संवैधानिक पृष्ठभूमि पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 74वें संविधान संशोधन के तहत भारतीय संविधान की 12वीं अनुसूची में नगरीय निकायों का प्रावधान किया गया, जो 1 जून 1993 से पूरे देश में लागू है।
छत्तीसगढ़ में कुल 193 अधिसूचित नगरीय निकाय हैं, जिनमें:
- 14 नगर निगम,
- 56 नगर पालिकाएं,
- 123 नगर पंचायतें शामिल हैं।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की शहरी आबादी 57.07 लाख थी, जो कुल जनसंख्या का 23.24 प्रतिशत थी। वर्ष 2025 में यह बढ़कर लगभग 78.10 लाख हो चुकी है।
मंत्री ने बताया कि राज्य में नगर निगमों के लिए छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 तथा नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के लिए छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 लागू है। जनसंख्या के आधार पर:
- 1 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में नगर निगम,
- 20 हजार से 1 लाख तक जनसंख्या वाले शहरों में नगर पालिका,
- 5 हजार से 20 हजार तक जनसंख्या वाले शहरों में नगर पंचायत का गठन किया जाता है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग निरंतर शहरी विकास, बुनियादी सुविधाओं के विस्तार और आवास योजनाओं को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है।