रायपुर। छत्तीसगढ़ के उत्तरी और मध्य जिलों में कड़ाके की ठंड का असर जारी है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के दौरान उत्तर और मध्य छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में शीतलहर चलने की चेतावनी जारी की है। बीते 24 घंटों में अंबिकापुर प्रदेश का सबसे ठंडा शहर रहा, जहां न्यूनतम तापमान 4.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मैदानी इलाकों में राजनांदगांव सबसे ठंडा रहा, जहां रात का न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं दुर्ग में अधिकतम तापमान 29.6 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक प्रदेश के न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है, हालांकि इसके बाद तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे ठंड से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
फिलहाल मौसम विभाग ने प्रदेश के एक-दो क्षेत्रों में शीतलहर चलने की चेतावनी दी है। रायपुर की बात करें तो 29 दिसंबर की सुबह शहर के बाहरी इलाकों में हल्की धुंध देखी गई। राजधानी में अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।
कड़ाके की ठंड का असर बच्चों की सेहत पर भी पड़ रहा है। बीते एक महीने में रायपुर के अंबेडकर अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में हाइपोथर्मिया के 400 से अधिक मामले सामने आए हैं। बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों का शरीर वयस्कों की तुलना में जल्दी ठंडा होता है। नवजात शिशुओं की मांसपेशियां पूरी तरह विकसित नहीं होतीं, जिससे वे ठंड को सहन नहीं कर पाते। सीजेरियन डिलीवरी से जन्मे शिशुओं में हाइपोथर्मिया का खतरा अधिक रहता है।
डॉक्टरों का कहना है कि पर्याप्त सावधानी नहीं बरतने पर बच्चों को एनआईसीयू और एसएनसीयू में भर्ती कर उपचार करना पड़ रहा है। नवजात शिशु के शरीर का अचानक ठंडा पड़ जाना या तापमान सामान्य से कम हो जाना हाइपोथर्मिया का प्रमुख लक्षण है। शीतलहर को देखते हुए छोटे बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने और सुबह व रात के समय गर्म कपड़ों का उपयोग करने की सलाह दी गई है।