उन्नाव। उन्नाव दुष्कर्म मामले की पीड़िता ने कुलदीप सिंह सेंगर की सजा निलंबित होने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि निर्भया केस में दोषियों को फांसी हुई थी, वैसे ही सेंगर के साथ भी होना चाहिए। इस फैसले ने देश की बेटियों को डरा दिया है। अब लगता है कि मुझे, परिवार या बच्चों को मार दिया जाएगा।
पीड़िता ने कहा कि अंतिम सांस तक सेंगर से लड़ाई जारी रखेंगी। कोई मार दे तो अलग बात है, लेकिन वे खुदकुशी नहीं करेंगी। परिवार एवं बच्चों के लिए जीएंगी। सेंगर उन्हें फूलन देवी बनने पर मजबूर कर देगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि 2027 चुनाव में सेंगर अपनी पत्नी को टिकट दिलाना चाहते हैं। उनके रिश्तेदार बाहुबली हैं। ऐसे परिवार को भाजपा से टिकट मिलना उनके साथ घोर अन्याय होगा। पीड़िता ने याद किया कि उनके पिता को पीटा गया, मारपीट के आरोप में पुलिस ने उन्हें ही जेल भेजा तथा बाद में हत्या करा दी गई। इंसाफ के लिए दर-दर भटकना पड़ा, लेकिन अंततः सेंगर को सजा हुई। अब उनके रिश्तेदार एवं समर्थक उन्हें बाहर निकालने में सफल हो गए।
पीड़िता ने कहा कि उनके छोटे बच्चे हैं तथा सेंगर उनकी हिम्मत तोड़ने के लिए बच्चों को निशाना बना सकते हैं। उन्होंने खुलकर आरोप लगाया कि सेंगर को भाजपा के पूर्व सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह बचा रहे हैं। सीआरपीएफ की सुरक्षा उनके लिए पर्याप्त नहीं है, क्योंकि सेंगर एवं उनके लोग बहुत शक्तिशाली हैं। वे गाड़ी उड़वा सकते हैं।
ब्रजभूषण शरण सिंह ने पीड़िता के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि गंभीर आरोपों पर न्यायपालिका ने सेंगर को सजा दी थी तथा अब उसी न्यायपालिका ने समीक्षा कर सजा निलंबित की है। पीड़िता की सोच “चित्त भी मेरी, पट भी मेरी” वाली है। वे फांसी की मांग कर रही हैं। देश भावनाओं एवं नैतिकता से नहीं, कानून से चलता है। धरना-प्रदर्शन एवं नाटक नहीं होना चाहिए। न्यायपालिका के आदेश का सम्मान करें तथा सुप्रीम कोर्ट जाएं। नाटक से देश नहीं चलता।