रायपुर में चाइनीज मांझे पर छापेमारी, तीन दुकानों से साढ़े चार किलो जब्त

रायपुर। मकर संक्रांति के अवसर पर प्रशासन ने प्रतिबंधित चाइनीज मांझे की बिक्री एवं उपयोग पर सख्ती बढ़ा दी है। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल एवं रायपुर नगर पालिक निगम की संयुक्त टीम ने सदर बाजार, बूढ़ातालाब एवं गोलबाजार क्षेत्र में चार पतंग दुकानों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान तीन दुकानों से साढ़े चार किलो से अधिक चाइनीज मांझा जब्त किया गया।

जब्त मांझे में बूढ़ातालाब के सिटी पतंग भंडार से 2 किलो, मोती पतंग भंडार से 1 किलो तथा सदर बाजार के संजय पतंग भंडार से डेढ़ किलो शामिल है। गोलबाजार के संगम काइट सेंटर में प्रतिबंधित मांझा नहीं मिला।

दुकान संचालकों को सख्त चेतावनी दी गई कि भविष्य में चाइनीज मांझा मिलने पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह अभियान पर्यावरण संरक्षण एवं जनसुरक्षा को ध्यान में रखकर किया गया है।

चाइनीज मांझा सिंथेटिक नायलॉन धागे पर कांच या धातु पाउडर चढ़ाकर बनाया जाता है, जो अत्यधिक तेज एवं मजबूत होता है। यह मानव त्वचा या गला काट सकता है तथा दोपहिया वाहन चालकों के लिए घातक है। गैर-बायोडिग्रेडेबल होने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है तथा पक्षी इसमें उलझकर घायल या मृत हो जाते हैं। यह बिजली तारों पर चढ़कर करंट का कारण भी बन सकता है।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने 2017 में देशभर में चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लगाया था। छत्तीसगढ़ में भी 2017 से यह पूर्णतः प्रतिबंधित है, लेकिन त्योहारों के समय अवैध बिक्री जारी रहती है।

जनवरी 2025 में रायपुर में सात वर्षीय बच्चे की चाइनीज मांझे से गला कटने से मौत के बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया तथा सरकार को फटकार लगाते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रशासन का संदेश स्पष्ट है कि चाइनीज मांझा मानव जीवन एवं पर्यावरण दोनों के लिए गंभीर खतरा है। त्योहार की खुशी में किसी की जान जोखिम में नहीं डाली जा सकती।

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